दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियां होंगी नियमित, संशोधन विधेयक को संसद की मिली मंजूरी

बुधवार, 10 मार्च 2021 (17:32 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित एक संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद ने मंजूरी प्रदान कर दी। इसके माध्यम से संबंधित कानून की समयसीमा को 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाया गया है। राज्यसभा ने इस विधेयक को पहले मंजूरी प्रदान कर दी थी और बुधवार को लोकसभा में यह पारित हो गया।
 
यह विधेयक दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का स्थान लेगा। केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा में कांग्रेस के सदस्यों की नारेबाजी के बीच निचले सदन में संक्षिप्त चर्चा के बाद 'दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) अधिनियम-2021' विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।
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विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दिल्ली की इन कॉलोनियों को नियमित करने में घोर लापरवाही बरती। पुरी ने कहा ने कहा कि जनता के बीच यह धारणा है कि कुछ राजनीतिक दलों के सत्ता में रहते हुए कॉलोनियों को नियमित करने में विलंब किया गया। उन्होंने किसी दल का नाम लिए बगैर कहा कि इससे पहले किसी सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। पुरी ने बताया कि अगर कोरोना महामारी नहीं आती तो अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का काम काफी हद तक पूरा हो गया होता।
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मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। वर्ष 2011 का संबंधित कानून पिछले साल 31 दिसंबर तक वैध था। अध्यादेश के माध्यम से कानून की समयसीमा 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दी गई थी।इससे पहले विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वे 2047 तक दिल्ली को सिंगापुर बनाना चाहते हैं। ये लोग चुनावों से पहले इसी तरह की बातें करते हैं लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया जिस कारण ये कानून लाया जा रहा है। 
 
उन्होंने आरोप लगाया कि अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए दिल्ली सरकार ने कोई काम नहीं किया। योजनाबद्ध तरीके से कॉलोनियों का निर्माण होना चाहिए था, जो पूर्व की सरकारों में नहीं हुआ। दिल्ली में कालोनियां भले ही ही अनियमित हैं, लेकिन उसमें रहने वाले लोगों का वैध पैसा लगा है। कॉलोनियों को नियमित करना जरूरी है।
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चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद ये विधेयक पारित करना पड़ रहा है और यह उन लोगों को शर्म की बात है, जो इतने वर्षों तक शासन में रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के नाम पर सिर्फ राजनीति हुई। पूर्व की सरकारों ने वोटबैंक की राजनीति की। इन लोगों को जल्द से जल्द से मालिकाना हक मिलना चाहिए। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की चिंता अनुराधा और जदयू के आलोक कुमार सुमन ने भी चर्चा में भाग लिया और विधेयक का समर्थन किया। (भाषा)

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