'मोदी सरकार ने हज सब्सिडी के नाम पर जारी ' सियासी छल ' का किया खात्मा' - केंद्रीय मंत्री नकवी

सोमवार, 23 मई 2022 (15:34 IST)
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने सोमवार को कहा कि सब्सिडी की समाप्ति के बावजूद हज यात्रियों पर आर्थिक बोझ ना पड़ना इस बात का सबूत है कि दशकों से हज सब्सिडी के बल पर 'सियासी छल' चल रहा था।  
 
हज यात्रा 2022 के लिए हज-समन्वयकों, हज सहायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार ने अपनी ईमानदारी के बल पर हज यात्रियों के साथ सब्सिडी के नाम पर किए जा रहे ' सियासी छल '  का खात्मा किया है। 
 
नकवी ने कहा कि मोदी सरकार में संपूर्ण हज प्रक्रिया में किये गए महत्वपूर्ण सुधारों से जहां एक तरफ हज प्रक्रिया पारदर्शी हुई है, वहीं दूसरी ओर दो वर्षों के बाद हज पर जा रहे हज यात्रियों पर गैर-जरुरी आर्थिक बोझ ना पड़े इसकी व्यवस्था की गई है। उनके मुताबिक, संपूर्ण हज प्रक्रिया के शत-प्रतिशत डिजिटल होने से भारतीय मुसलमानों के "इज़ ऑफ डूइंग हज" (हज करने में सुगमता) का सपना साकार हुआ है। डिजिटल हज, 'डिजिटल इंडिया' के सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में से एक है।
 
नकवी ने आगे कहा कि लोगों की सेहत और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए महत्वपूर्ण सुधारों के साथ हज 2022 हो रहा है। हज 2022 की संपूर्ण प्रक्रिया भारत सरकार और सऊदी अरब की सरकार द्वारा तय किये गए पात्रता, आयु, स्वास्थ्य मानदंडों एवं अन्य जरुरी कोरोना दिशानिर्देशों के अनुसार की गई है।' उन्होंने बताया, इस साल भारत से 79,237 मुसलमान हज 2022 पर जाएंगें।

इनमें लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। इनमें 56 हजार 601 हज यात्री, भारतीय हज कमेटी और 22,636 हज यात्री, ‘हज ग्रुप ऑर्गनाइजर्स’ (एचजीओ) के माध्यम से जाएंगें। बिना 'मेहरम' (पुरुष रिश्तेदार) के लगभग 2000 मुस्लिम महिलाएं हज 2022 पर जाएंगी। इन्हें लॉटरी सिस्टम से बाहर रखा गया है।'
 
बता दें कि कोरोना के कारण सऊदी अरब सरकार की ओर से तय दिशानिर्देशों चलते पिछले दो वर्षों में भारतीय नागरिक हज यात्रा पर नहीं जा सके थे।

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