यूपी सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इस मामले में कुल 68 चश्मदीद थे। इनमें से 30 के बयान दर्ज हुए, जबकि 23 लोगों ने घटना के चश्मदीद होने का दावा किया है। इस मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि और अधिक गवाह एकत्रित करें साथ ही उन्हें सुरक्षा भी उपलब्ध करवाएं।
शीर्ष अदालत ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी इस मामले में अधिक चश्मदीदों से पूछताछ क्यों नहीं की गई। आपने अब तक 44 चश्मदीदों में से महज 4 के बयान दर्ज किए हैं, और अधिक के क्यों नहीं? उल्लेखनीय है कि लखीमपुर में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों पर कार चढ़ाने का आरोप है।