रिलायंस जियो में चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं: पोम्पियो

गुरुवार, 25 जून 2020 (15:21 IST)
नई दिल्ली। गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय फौजियों की शहादत के बाद देश में चीनी सामान के बहिष्कार की तेज होती मुहिम के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि भारत की अग्रणी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो में चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं किया जाता है।
 
उन्होंने कहा है कि रिलायंस जियो में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करने का जिक्र कर पोम्पियो ने  चीनी कंपनी हुवावे पर निशाना साधते हुए कहा कि अब दुनिया भर में प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां हुवावे के साथ सौदे खत्म कर रही हैं।
 
विश्वस्तर पर जियो के साथ टेलीफोनिका, ऑरेंज टेलस्ट्रा जैसी कंपनियां अब साफ सुथरी टेलीकॉम कंपनियां बनती जा रही हैं।
 
कई चीनी टेलीकॉम कंपनियों के साथ हुवावे पर अमेरिका समेत कई देश जासूसी का आरोप लगाते रहे हैं। उपभोक्ताओं के साथ टेलीकॉम कंपनियों का डेटा चुराने जैसे गंभीर आरोप भी चीनी कंपनियों पर लगे हैं। अमेरिका ने हुवावे पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं। हालांकि हुवावे इस तरह के आरोपों से इंकार करती रही है।

एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां अपने नेटवर्क संचालन के लिए चीनी हुवावे के साथ काम कर रही हैं, जबकि सरकारी बीएसएनएल ज़ीटीई के साथ काम करती है।
 
इसी साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के समय हुई मुलाकात में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने कहा था कि रिलायंस जियो में कोई भी चीनी उपकरण नहीं लगा है।
 
दरअसल ट्रंप ने अंबानी की उनसे मुलाकात में पूछा था कि क्या आप 5जी में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, इसके जवाब में अंबानी ने कहा था हम 5जी की तैयारी कर रहे हैं साथ ही हम ऐसा नेटवर्क बना रहे हैं जिसमें चीनी कंपनियों के उपकरण इस्तेमाल नहीं किए जायेंगे।
 
गलवान में सैनिकों की शहादत के बाद सरकार ने चीनी दूरसंचार कंपनियो के खिलाफ कड़ा रूख आख्तियार किया है। सरकार ने बीएसएनएल को आदेश दिया है कि वह चीनी उपकरणों से दूर रहे। बीएसएनएल भी चीनी कंपनियों के साथ हुए सौदे रद्द करने का ऐलान कर चुकी है।
 
यह एक संयोग ही है कि दोनों देशों के मध्य उत्पन्न युद्ध जैसी स्थितियों के समय में भारत सरकार ने लद्दाख के इलाके में रिलायंस जियो को 54 टेलीकॉम टॉवर लगाने के लिए कहा है।

इसकी जानकारी गुरुवार को लद्दाख से  सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने एक ट्वीट के जरिए दी है। यह टावर लद्दाख के ग्रामीण अंचलों में दूरसंचार सेवाओं को सुगम बनाने के मोदी सरकार के यूनीवर्सल सर्विसेज ओबलीगेशन फंड (यूएसओएफ) के तहत स्थापित किये जायेंगे।
 
सरकार के इस फैसले के तहत नूबरा घाटी में सात, लेह जिले में 17, जंस्कार में 11 और करगिल में 19 टॉवर लगाए जायेंगे। (वार्ता)

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