लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने होंगे। दरअसल, कोर्ट ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास पर आजीवन आवास का कानून रद्द कर दिया है।
वर्तमान में रामनरेश यादव, नारायण दत्त तिवारी, वीर बहादुरसिंह, कल्याणसिंह, मायावती, मुलायमसिंह यादव, राजनाथसिंह और अखिलेश यादव के पास हजरतगंज के पॉश इलाके में कई-कई एकड़ में बने बड़े-बड़े सरकारी बंगले हैं।
शीर्ष अदालत ने अगस्त 2016 में एक फैसला सुनाया था, जिसमें उसने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगलों का आवंटन अनुचित है और ऐसे बंगले सरकार को लौटा दिये जाने चाहिए, लेकिन तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार सरकार ने कानून में संशोधन करके पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए स्थायी तौर पर सरकारी बंगले के प्रावधान कि थे।