रेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 31 मई तक 37,411 डिब्बों में 1,36,965 बायो टॉयलेट लगाए गए हैं। प्रत्येक टॉयलेट पर करीब 1 लाख रुपए की लागत आई थी। मार्च 2019 तक करीब 18,750 और डिब्बों में बायो टॉयलेट लगाए जाने की योजना है। इसी के साथ भारतीय रेलवे के सभी डिब्बों में इस तरह के टॉयलेट लग जाएंगे। इस पर करीब 250 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
गोयल ने कहा कि मार्च 2019 तक 100 प्रतिशत रेलगाड़ियों में बायो टॉयलेट लग चुके होंगे, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। रेल की पटरियां साफ होंगी, बदबू नहीं होगी और पटरियों के नवीकरण का भार भी कम होगा। उन्होंने बताया कि प्रति इकाई 2.5 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाले वैक्यूम टॉयलेट बदबूरहित होंगे। इसमें मौजूदा टॉयलेट के मुकाबले पानी का इस्तेमाल 5 प्रतिशत कम होगा और इसके अवरुद्ध होने का अंदेशा भी बहुत कम होगा। (भाषा)