कहीं यह 'आप' का किला ढहने की शुरुआत तो नहीं...

सोमवार, 27 मार्च 2017 (17:00 IST)
दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा, जब‍ बवाना से पार्टी के विधायक वेदप्रकाश सतीश आप से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। वेद के इस्तीफे से विधानसभा में आप की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन एमसीडी चुनाव के संदर्भ में जरूर इसे पार्टी के लिए झटका माना जा सकता है क्योंकि एमसीडी चुनाव दिल्ली में सत्तारूढ़ आप की दशा और दिशा को जरूर तय करेंगे। हालांकि एमसीडी पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है, लेकिन दिल्ली में जनहित के काम करने का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार के लिए ये चुनाव 'नाक का सवाल' जरूर हैं। 
 
वेदप्रकाश ने इस्तीफा देने के बाद जो कहा है वह जरूरी आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल का कारण हो सकता है। वेद ने कहा है कि वे पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे। पार्टी विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में नाकामयाब रही है। उन्होंने एक बात और कही कि आप के कम से कम 35 ऐसे विधायक हैं, जो पार्टी नेतृत्व से खुश नहीं है। वेद द्वारा भगवा दामन थामने को राजनीति के जानकार भाजपा के लिए लाभ के रूप में देख रहे हैं। एमसीडी चुनाव में भाजपा निश्चित रूप से वेदप्रकाश को तुरुप के इक्के के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। 
 
चूंकि वेदप्रकाश आप के विधायक हैं, अत: पार्टी के भीतर की कमजोरियां भी उन्हें मालूम होंगी। भाजपा में आने के बाद उन कमजोरियों का इस्तेमाल वे आप के खिलाफ ही कर सकते हैं। इससे पहले भी देवेन्द्र सेहरावत, पंकज पुष्कर और पूर्व मंत्री संदीप कुमार भी आप के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर चुके हैं। पिछले वर्ष अगस्त में पार्टी को बड़ा झटका तब लगा था जब योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़कर अपना एक अलग संगठन बना लिया था। कुशल रणनीतिकार योगेन्द्र ने 'स्वराज इंडिया' नामक नए दल गठित करते समय ऐलान किया था कि उनकी पार्टी एमसीडी चुनाव में हिस्सा लेगी। यदि वाकई ऐसा हुआ तो मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। 
 
हालांकि 272 सदस्यीय एमसीडी में आम आदमी पार्टी के लिए एक खुशखबर जरूर है कि ओपिनियन पोल में पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरती दिख रही है। इस पोल के मुताबिक आप को 176 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एमसीडी में सत्तारूढ़ भाजपा 59 पर सिमट सकती है। कांग्रेस 33 एवं अन्य के खाते में 4 सीटें जा सकती हैं। हकीकत तो चुनाव परिणाम के बाद ही सामने आएगी क्योंकि हाल के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल के अनुमान भी फेल हो गए थे। एग्जिट पोल में तो आप पंजाब में भी सरकार बनाते हुए दिख रही थी, लेकिन वहां कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल कर सरकार बनाई है। आप विधायक वेदप्रकाश के भाजपा में शामिल होने का आप पर क्या असर होगा, यह तो चुनाव परिणाम सामने आने के बाद पता चलेगा, लेकिन राजनीति इसे केजरीवाल का किला ढहने की शुरुआत मान रहे हैं।

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