नई दिल्ली। रामचरित मानस पर देश में जारी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग से सपा और राजद की मान्यता रद्द करने की मांग की। पार्टी ने दावा किया कि दोनों दलों ने रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करके उन 'बुनियादी शर्तों' का उल्लंघन किया है जिनके तहत उन्हें राजनीतिक दलों के रूप में पंजीकृत किया गया था।
कुमार ने बयान में आरोप लगाया कि इसी तरह, राजद नेता चंद्रशेखर ने भी रामचरितमानस और अन्य पवित्र पुस्तकों की जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण आलोचना की, जिससे कि हिंदू समाज में आक्रोश पैदा हो, अविश्वास पैदा हो और विभाजन हो। राजद ने चंद्रशेखर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है जो यह साबित करता है कि उनके बयान को पार्टी का समर्थन प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि सपा और राजद दोनों ने उन बुनियादी शर्तों का उल्लंघन किया है, जिन पर दलों का पंजीकरण किया गया था और यह उनका पंजीकरण वापस लेने का उचित मामला बनता है। विहिप जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए की ओर सीईसी का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।