अदालत ने कहा था कि माल्या कई मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं और उन मामलों में पेश भी नहीं हो रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ अनिवार्य प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है। यह भी अदालत ने कहा था कि माल्या की वह याचिका बदनीयत से दाखिल की गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि वे भारत लौटना चाहते हैं लेकिन ऐसा करने में इसलिए सक्षम नहीं हैं, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है। अदालत ने इसे कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करना करार दिया।
बताया जाता है कि माल्या लंदन में हैं। उन्होंने 9 सितंबर को अदालत में कहा था कि वे भारत लौटना चाहते हैं और नेक इरादों के बावजूद ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। गत 9 जुलाई को अदालत ने माल्या को व्यक्तिगत पेशी से प्राप्त छूट रद्द कर दी थी और उन्हें 9 सितंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। (भाषा)