गांधीनगर। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुरुवार को अहमदाबाद में जापान विदेश व्यापार संगठन (जेट्रो) के बिजनेस सपोर्ट सेंटर का उद्घाटन करते हुए वर्ष 2020 तक गुजरात में जापानी उद्योगों के 3 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने की प्रतिबद्धता जताई है।
भारत के इस सबसे बड़े जेट्रो बिजनेस सपोर्ट सेंटर के उद्घाटन अवसर पर जेट्रो के चेयरमैन हिरोयुकी इशिगे और जापान के मुंबई स्थित महावाणिज्यदूत रयोजी नोडा तथा राज्य के उद्योग विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार दास सहित कई जापानी उद्योगपति मौजूद थे।
इस संदर्भ में रूपाणी ने कहा कि 2003 से वाइब्रेंट समिट की सफलता में बतौर पार्टनर कंट्री सहयोगी रहे जापान के अधिकाधिक उद्योगपति और कंपनियां गुजरात में सरलता से निवेश कर सकें, इस मकसद से यह फुल फ्लेज्ड बिजनेस सपोर्ट सेंटर 'राइट टाइम फॉर राइट चॉइस' है। समारोह में जापान की 15 कंपनियों ने गुजरात के साथ 'इंटरेस्ट ऑफ इन्वेस्टमेंट' का एमओयू किया।
गुजरात में निवेश और उत्पादन के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' के विजन को साकार करने में जापानी उद्योगों की सहभागिता का भरोसा व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अहमदाबाद में इस सेंटर के शुरू होने से जापान-गुजरात के व्यावसायिक संबंध नए मोड़ में प्रवेश के साथ और भी मजबूत बने हैं। यह सफलता जापान-गुजरात दोनों के लिए फायदेमंद स्थिति का निर्माण करेगी।
जापानी उद्योगपतियों से मुखातिब मुख्यमंत्री ने गुजरात को भारत के विकास का रोल मॉडल बताते हुए कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गुजरात 8 फीसदी का योगदान देता है, जबकि कुल औद्योगिक उत्पादन तथा निर्यात में गुजरात का हिस्सा क्रमशः 18 और 20 फीसदी है। इसी तरह, विदेशी पूंजी निवेश हासिल करने के मामले में गुजरात भारत के शीर्ष तीन राज्यों में से एक है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में जापान के उद्योगकारों को गुजरात में दी जाने वाली विभिन्न सहूलियतों का मुख्यमंत्री ने विस्तार से जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जापानी इकोनॉमिक कॉरिडोर को गुजरात ने 'फोकस सेक्टर फॉर इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट' के तौर पर स्वीकारा है। इस कॉरिडोर की अप-डाउन दोनों तरफ की स्ट्रीम में पूंजी निवेश तथा रोजगार सृजन की विपुल संभावनाएं निहित हैं। इसके साथ ही यह जापानी कंपनियों को प्रोत्साहक वातावरण मुहैया कराएगी और गुजरात के नागरिक जीवन के कल्याण में वृद्धि करेगी।
उन्होंने कहा कि गुजरात के 1600 किलोमीटर लंबे समुद्र तट के अलावा दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना, जिसका अधिकांश हिस्सा गुजरात में है, के जरिए जापानी कंपनियों को गुजरात में उत्पादित अपने प्रोडक्ट को दुनिया के किसी भी हिस्से में सरलता से भेजने की सुविधा मिलेगी।
रूपाणी ने गुजरात-जापान के बीच के इस सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए दोनों पक्षों के बीच नीतिगत वार्ता के ढांचे को अहम करार देते हुए कहा कि गुजरात ने हाइब्रिड इंडस्ट्रीयल पार्क, जापान-इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर मैन्यूफैक्चरिंग की स्थापना तथा अहमदाबाद के खोरज के निकट 1750 एकड़ क्षेत्र में इंडो-जापानीज इंडस्ट्रीयल टाउनशिप और ऑटो वैल्यू चेन के राज्य में निर्माण के लिए अहमदाबाद के भगापुरा क्षेत्र में निवेश इच्छुक कंपनियों को जमीन भी आवंटित की है।
मुख्यमंत्री ने गुजरात में जापान सहित विदेशी निवेशकों के लिए शुरू किए गए सिंगल विंडो क्लियरेंस, इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुविधाओं सहित फैसेलिटेशन सेंटर्स जैसे नवीन उपक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्हें राज्य की औद्योगिक सफलता की नींव बताया।
रूपाणी ने इस सेंटर की सफलता की शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए विश्वास जताया कि जापानी उद्योगों का गुजरात में बड़े पैमाने पर आगमन सामाजिक जीवन और युवाओं सहित दुर्गम और जरूरतमंद क्षेत्रों के लिए आर्थिक-सामाजिक तौर पर अवश्य लाभदायी साबित होगा।
मुंबई स्थित जापान के महावाणिज्यदूत रयोजी नोडा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जापान के साथ मैत्री संबंध विकसित करने के प्रयासों के तहत यह जेट्रो बिजनेस सेंटर कार्यरत हुआ है। इससे जापानी उद्योगपतियों और कंपनियों की सहूलियतों में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि गुजरात आज निवेश का श्रेष्ठ ठिकाना बना है, इसे देखते हुए जापानी कंपनियों ने भी गुजरात में अपना निवेश बढ़ाया है। इसके चलते गुजरात के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी तथा भारत-जापान के गर्मजोशीभरे संबंधों को भी ऊर्जा मिलेगी। नोडा ने मेट्रो और हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट में जापानी टेक्नोलॉजी के उपयोग का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की तेजी से बढ़ रही आबादी और औद्योगिक विकास के संदर्भ में जेट्रो बिजनेस सपोर्ट सेंटर सच्चे अर्थों में परिणाम उन्मुख बनेगा।
जेट्रो के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिरोयुकी इशिगे ने स्वागत भाषण में कहा कि गुजरात देश का अग्रणी और विकसित राज्य तो है ही साथ ही यहां औदयोगिक विकास का अनुकूल वातावरण भी है। राज्य की इज ऑफ डूइंग पॉलिसी भी विदेश के उद्योगों को आकर्षित करने में समर्थ है। गुजरात सरकार भी जापानी कंपनियों को राज्य के औद्योगिक विकास के लिए प्रोत्साहक और अनुकूल माहौल मुहैया करा रही है।