विपक्षी सांसदों ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया : विपक्षी सांसदों ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया और दावा किया कि उन्हें अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने और अपने असहमति नोट तैयार करने के लिए बहुत कम समय दिया गया। शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि सभी विपक्षी सदस्य अपनी असहमति देंगे। पाल प्रस्तावित कानून का संशोधित संस्करण गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप सकते हैं।
विधेयक में मौजूदा कानून के तहत पंजीकृत प्रत्येक वक्फ के लिए प्रस्तावित कानून के लागू होने से 6 महीने की अवधि के भीतर अपनी वेबसाइट पर संपत्ति का विवरण घोषित करना अनिवार्य बना दिया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।(भाषा)