नई दिल्ली। बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से दिल्ली में बाढ़ का खतरा और गहरा गया है। हरिणाया ने जमुना में रविवार सुबह नौ बजे दो लाख 41 हजार 656 क्यूसेक पानी और छोड़ा जिससे यमुना का जल स्तर 205.40 से बढ़कर 206.70 हो गया है।
शनिवार को ही यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर था। शनिवार को इस बैराज से पांच लाख क्यूसेक जल छोड़ा गया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ के खतरे की आशंका के मद्देनजर कल आपात बैठक बुलाई थी और सभी मंत्रालय को अलर्ट किया था।
दिल्ली के बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार लोहे के पुल पर शनिवार शाम सात बजे यमुना नदी का जल स्तर 205.30 मीटर हो गया जो खतरे के निशान 204.83 मीटर से 0.47 मीटर अधिक है। आज सुबह यह स्तर 206.70 पर पहुंच गया।
विभाग के अनुसार हथिनी कुंड बैरोज से पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। विभाग का कहना है कि पानी की मात्रा को देखते हुए यमुना के जल में और बढ़ोतरी हो सकती हैं।
नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते एहतियातन किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है। नदी क्षेत्र में स्थित कुछ गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में नदी के किनारे बसे न्यू उस्मानपुर, गढ़ी मांडू और सोनिया विहार से लोगों को हटाकर वहीं पास में सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। पानी में वृद्धि को देखते हुए निचले इलाके में रहने वाले लोग स्वयं भी सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
हथिनी कुंड बैराज दिल्ली से 200 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुना नगर में है। बैराज से छोड़े गए पानी यमुनानगर, करनाल और पानीपत होते हुए दिल्ली पहुंचेगा। कई वर्षों बाद हथिनी कुंड से इतना अधिक पानी यमुना में दिल्ली की तरफ छोड़ा गया है। दिल्ली सरकार का बाढ़ नियंत्रण विभाग सतर्क है और यमुना के किनारे बसे लोगों को हटाने का काम जोरों पर किया जा रहा है।
पूर्वी जिले के एसडीएम अरुण गुप्ता ने बताया कि लोगों से ऊपरी स्थानों पर जाने की अपील की गई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कई स्थानों पर प्रभावितों के रहने के लिए टेंट का इंतजाम किया है।
केजरीवाल ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी संबंधित मंत्रालयों तथा विभागों को अलर्ट करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपातकालीन नियंत्रण कक्ष नंबर 1077 के बारे में विज्ञापन के जरिए जानकारी दी जाए ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके। बाढ़ की स्थिति में लोग इस नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
संबंधित एजेंसियों ने केजरीवाल को बताया कि निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम पहले ही शुरू किया जा सकता है। नदी क्षेत्र में स्थित कुछ गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। उनके लिए टेंट लगाने का काम किया जा रहा है।
केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों के लिए बिजली, भोजन और पेयजल सुनिश्चित किया जाए तथा उनकी देखरेख में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए। बैठक में बाढ़ संभावित क्षेत्र के पार्षदों, मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस, शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, सेना, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, स्वास्थ्य, राजस्व, डीयूएसआईबी, डीडीएमए, डीजेबी और अन्य संबंधित मंत्रालय और विभागों ने हिस्सा लिया। (वार्ता)