Weather Updates : मध्यप्रदेश में अगले 48 घंटों के दौरान कई स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी

शुक्रवार, 26 जुलाई 2019 (00:11 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज दिनभर बादल छाए रहने के बाद शाम 8 बजे से बारिश की तेज बौछारें शुरू हो गई। इससे सड़कों पर पानी बहने लग गया। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी भी जारी की है।
 
मौसम विज्ञान भोपाल केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि 26 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के कारण अगले 2 दिन में उज्जैन, होशंगाबाद और भोपाल को छोड़कर प्रदेश के अन्य कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
 
एक अन्य वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि गत 2 दिन से भी प्रदेश में हो रही वर्षा को भी केवल लोकल सिस्टम नहीं कहा जा सकता। यह द्रोणिका (मानसूनी ट्रफ लाइन) से आ रही नमी की वजह से हो रही है। इस वर्षा से प्रदेश में तापमान में भी गिरावट आई है। राजधानी भोपाल में कल के मुकाबले अधिकतम तापमान 6 डिग्री गिरकर आज 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
 
प्रदेश में आज खंडवा में 45 मिमी, दमोह में 35 मिमी, सागर में 35 मिमी, मंडला में 19 मिमी, रीवा में 12 मिमी, ग्वालियर में 10 मिमी तथा 2 से 9 मिमी तक अन्य कई स्थानों पर वर्षा दर्ज हुई है। 
 
पिछले 24 घंटों के दौरान भी श्योपुर में 75 मिमी, उमरिया में 65 मिमी, नौगांव में 58 मिमी, टीकमगढ़ में 49  मिमी, दमोह में 45 मिमी, जबलपुर में 31 मिमी, रायसेन में 26 मिमी, सीधी में 23 मिमी, खजुराहो में 20 मिमी, सतना में 17 मिमी और खंडवा में 15 मिमी सहित अन्य कई जगह बूंदाबांदी हुई है।
बारिश ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में बढ़ाईं मुश्किलें : बिहार और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्थिति एक बार फिर खराब होने लगी है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, राज्य में बाढ़ में अब तक 123 लोगों की मौत डूबने से हुई है। 
 
राज्‍य के 13 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिम चंपारण के 106 प्रखंड के 1241 पंचायतों में करीब 82.12 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं। 
 
राज्य सरकार की ओर से 21 राहत शिविरों में करीब 11900 बाढ़ प्रभावित शरण लिए हुए हैं। इनमें सर्वाधिक 10 हजार 500 लोग सीतामढ़ी जिले के हैं, जो 18 राहत शिविरों में रह रहे हैं। 
 
विभाग ने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की कुल 27 टीमें लगातार प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचाने में लगी हैं। इसके अलावा 133 मोटर बोट की सहायता से लगातार लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए अलावा उन्हें राहत सामग्री भी दी जा रही है। 

 
केंद्रीय जल आयोग से जारी आंकड़ों के अनुसार, बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर आज समस्तीपुर में 68 और रोसड़ा में 130 सेंटीमीटर ऊपर रिकार्ड किया गया है। इसी तरह बागमती नदी का जलस्तर ढेगब्रिज में 49, रुन्नीसैदपुर में 162, बेनीबाद में 20 और हायाघाट में 56 सेंटीमीटर ऊपर था।
 
कोसी का जलस्तर बलतारा में 106 सेंटीमीटर, कमला बलान का जलस्तर झंझारपुर में 61 सेंटीमीटर महानंदा का जलस्तर ढेंगरा घाट में खतरे से लाल निशान से 115 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया। इन नदियों के जलस्तर में अगले 24 घंटे में अधिकतर जगहों पर वृद्धि की संभावना है।
 
पिछले 24 घंटे के दौरान इंद्रपुरी में 50, पालमेरगंज में 52, चटिया में 131, डुमरियाघाट में 105, में अहिरवालीया में 116, सिंकन्दरपुर में 63, बेनीबाद में 66, तैयबपुर में 94, चरघरिया में 80 और भागलपुर में 86 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे में बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की से साधारण बारिश होने की संभावना जताई है।
 
पूर्वी राजस्थान में अति वृष्टि का अनुमान : पुणे मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान में अगले 24 घंटों के दौरान कहीं-कहीं बहुत तेज और कहीं-कहीं अति वृष्टि का अनुमान है। इसके साथ ही हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों में भी बहुत तेज या अतिवृष्टि हो सकती है।
 
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा और पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके में तेज से बहुत तेज बारिश होने के आसार हैं। 
 
तटीय कर्नाटक, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल के पर्वतीय इलाके, सिक्किम, झारखंड, बिहार, गुजरात , तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है।
 
दक्षिण पश्चिम और मध्य अरब सागर में 40-50 किमी प्रति घंटे की तेज गति तक हवा चल सकती है पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी मौसम खराब रहने का अनुमान है इसलिए मछुआरों को अगले 24 घंटों के दौरान इन क्षेत्रों में उद्यम नहीं करने की सलाह दी गई है।

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