आखिर क्‍या और कैसे होती है PM की सुरक्षा, जानिए सुरक्षा इंतजामों के बारे में सबकुछ?

गुरुवार, 12 जनवरी 2023 (18:01 IST)
कर्नाटक के हुबली में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक होने की खबर सामने आई है। दरअसल, प्रधानमंत्री यहां रोड शो करने पहुंचे थे। इसी दौरान उनकी कार के पास एक युवक दौड़कर माला लेकर पहुंच गया। उसने पीएम को माला पहनाने की कोशिश की। लेकिन ठीक इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों ने युवक को मोदी के पास पहुंचने से रोक दिया। आपको बता दें कि ऐसे कई मामले पहले भी कुछ नेताओं के सामने आ चुके हैं जब स्‍वागत या किसी दूसरे बहाने से लोग इसी तरह अचानक वीआईपी के पास पहुंच जाते हैं। ऐसे में जानते हैं कि आखिर कैसी होती है पीएम की सुरक्षा व्‍यवस्‍था। कौन कौन लगता है पीएम की सुरक्षा में और कैसी होती है व्‍यवस्‍था।

5 लेयर में होता है इंतजाम
बता दें कि जब भी पीएम किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेते हैं तो उनके चारों तरफ एसपीजी कमांडो तैनात रहते हैं। कमांडो उनके साथ-साथ चलते हैं। लेकिन पीएम की सुरक्षा में तैनात किए जाने वाले हर कमांडो की पहले बेहद गहन जांच और छानबीन होती है। उनके और उनके परिवार से लेकर सबकुछ जांच के दायरे में आता है। वहीं, प्रधानमंत्री के निजी सुरक्षा गार्ड सुरक्षा घेरे की दूसरी पंक्ति में तैनात रहते हैं। यह भी एसपीजी के बराबर प्रशिक्षित और दक्ष होते हैं। ये कमांडोज किसी भी स्‍थिति से निपटने और किसी भी अनहोनी को रोकने में सक्षम होते हैं। तीसरे सुरक्षा चक्र में नेशनल सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) होते हैं।

राज्‍य करते हैं सिक्‍योरिटी इंतजाम
सुरक्षा के चौथे चक्र में अर्द्धसुरक्षा बल के जवानों के साथ राज्यों के पुलिस अधिकारी होते हैं। जब पीएम किसी राज्य में जाते हैं तो यह प्रदेश पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह बाहरी सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही किसी भी अनहोनी को रोके। सुरक्षा के पांचवें चक्र में कमांडो और पुलिस कवर के साथ कुछ अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस वाहन और एयरक्राफ्ट रहते हैं। यह सभी वाहन उच्च क्षमता के सैन्य आयुधों (आर्म्स एम्युनिशन) से लैस होते हैं।

काफिले में चलती हैं डमी कारें
पीएम की सुरक्षा में संसाधनों का भी सहारा लिया जाता है। अगर प्रधानमंत्री के काफिले पर किसी तरह का जमीनी या हवाई हमला होता है तो इसे रोकने के लिए भी तैयारी होती है। यह किसी भी तरह के रासायनिक या जैविक हमले का जवाब देने में सक्षम होते हैं। मोदी अति सुरक्षा वाली बुलेटप्रुफ बीएमडब्ल्यू 7 कार से सफर करते हैं। उनके काफिले में साथ-साथ ऐसी ही दो डमी कारें चलती हैं, जिससे कि हमलावर को भ्रमित किया जा सके।

विस्‍फोटक को कंट्रोल करते हैं एंटिना
प्रधानमंत्री के काफिले में एक जैमर से लैस गाड़ी तैनात रहती है। जिसमें दो एंटिना लगे होते हैं। यह सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी पर रखे विस्फोटक को निष्क्रिय करने में सक्षम होते हैं। पीएम के साथ हमेशा एक एंबुलेंस साथ चलती है। जो किसी भी आपात स्थिति में उन्हें मेडिकल सुविधा मुहैया करवाने के मकसद से साथ चलती है। अगर पीएम पैदल चलते है तो उनके आगे-पीछे सादे कपड़ों में एनएसजी के कमांडो होते हैं।

एसपीजी से लेकर खुफिया विभाग तक
दरअसल, कुल मिलाकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एसपीजी से लेकर खुफिया विभाग तक और जिस राज्‍य में वे जा रहे हैं, वहां की पुलिस सिक्‍योरिटी तैनात होकर उनकी सुरक्षा करती है। एसपीजी की टीम पहले ही संबंधित राज्य में जाकर कार्यक्रम स्‍थल का मुआयना करती है। इसमें केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के लोग भी शामिल होते हैं। दौरे के पहले एसपीजी के उच्‍चाधिकारियों की स्थानीय पुलिस के साथ मीटिंग होती है। इस मीटिंग को एएसएल यानी एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग।
edited by navin rangiyal

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