असम विधानसभा के नमाज के फैसले को लेकर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 31 अगस्त 2024 (16:26 IST)
श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शनिवार को यहां कहा कि भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है और सरकारों को हर धर्म की रक्षा करनी चाहिए। असम विधानसभा (Assam Assembly) में शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों को दिए जाने वाले 2 घंटे के नमाज (namaz) अवकाश को खत्म किए जाने की घोषणा के बाद नेकां नेता का यह बयान आया है।
 
अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ भी स्थायी नहीं है और समय आने पर चीजें बदल जाएंगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य विधानसभा मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा करने की सुविधा देने के लिए शुक्रवार को दिए जाने वाले 2 घंटे के अवकाश को खत्म कर देगी और यह नियम अगले सत्र से लागू होगा।
 
अब्दुल्ला ने कहा कि यह देश विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। हमारे यहां हर धर्म और हर भाषा है, चाहे वह तमिलनाडु हो, कश्मीर हो, बंगाल हो या महाराष्ट्र, कोई भी राज्य, हर राज्य की एक अलग संस्कृति है और इसलिए भारत एक संघीय ढांचा है और हमें हर धर्म की रक्षा करनी है।

ALSO READ: झामुमो को फिर लगा झटका, पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम BJP में शामिल
 
अब्दुल्ला ने कहा कि जब समय आएगा तो यह बदल जाएगा। कुछ भी स्थायी नहीं है। अच्छी चीजें फिर से प्रबल होंगी। हम उनसे कहेंगे कि हमारी सरकार आने दीजिए, ऐसी हरकतें मत कीजिए। जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी हर धर्म के लोगों का सम्मान करना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। हमें हर धर्म के लोगों का ख्याल रखना होगा। जब उनके प्रति हमारा दृष्टिकोण अच्छा होगा, तो पूरे देश में अच्छा होगा।
 
प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के बारे में नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी को पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा अफसोसजनक बताए के बारे में पूछे जाने पर नेकां प्रमुख ने कहा एक-दूसरे पर उंगली उठाने से कुछ भी हासिल नहीं होगा।

ALSO READ: पीएम मोदी का वादा, रेलवे बनेगा आरामदायक यात्रा की गारंटी
 
उमर ने हाल ही में कहा था कि प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) कभी चुनावों को हराम मानता था, लेकिन अब उनके लिए यह हलाल हो गया है। अब्दुल्ला ने कहा कि मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगा। भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। वे अपना रास्ता खुद चुनें, लेकिन देश की रक्षा के बारे में सोचें। एक-दूसरे पर उंगली उठाने से कुछ हासिल नहीं होगा। उन्हें इस रास्ते से दूर रहना चाहिए।
 
उन्होंने प्रतिबंधित जेईआई के पूर्व सदस्यों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बधाई दी। अब्दुल्ला ने शेख हमजा मखदूमी की सूफी दरगाह पर जियारत की। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश में अराजकता के अंत और विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे को मजबूत करने के लिए प्रार्थना की।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी