Will Yuvraj Singh contest Lok Sabha elections from Gurdaspur: पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। युवराज ने एक्स पर पोस्ट के जरिए इस तरह की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। इससे पहले राजनीतिक हलकों में दावा किया जा रहा था कि युवराज पंजाब के गुरदासपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
क्या कहा युवराज ने : युवराज सिंह एक्स पर पोस्ट के माध्यम से चुनाव लड़ने संबंधी सभी मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि मेरा जुनून लोगों को अपनी क्षमता के अनुसार सपोर्ट करना है। मैं अपने फाउंडेशन यूवी कैन के माध्यम से उनकी मदद करना जारी रखूंगा। उन्होंने कहा कि मैं गुरदासपुर सीट से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहा हूं।
दरअसल, युवराज सिंह ने हाल ही में पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही युवराज के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगना शुरू हो गई थीं। साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि वे गुरदासपुर से चुनाव लड़ सकते हैं।
भाजपा ने विनोद खन्ना की लोकप्रियता की बदौलत ही 1998 में कांग्रेस से यह सीट जीती थी। इसके बाद जब-जब भी पार्टी किसी स्टार को चुनाव मैदान में उतारा, यहां उसे जीत मिली। ऐसे में भाजपा को यहां किसी बड़े चेहरे की तलाश है।
गुरदासपुर का इतिहास : 2019 के चुनाव में सनी देओल ने यहां कांग्रेस के सुनील जाखड़ को 82 हजार वोटों से हराया था। सुनील जाखड़ भी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इस सीट पर वर्ष 1971 से लेकर वर्ष 1996 तक हुए 7 लोकसभा हुए और इनमें से 6 बार कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। वर्ष 1980 से 1996 तक लगातार 5 बार सुखवंत कौर भिंडर ने यहां चुनाव जीता।
इसके बाद वर्ष 1998 में भाजपा ने फिल्म स्टार विनोद खन्ना को मैदान में उतारा। उन्होंने सुखवंत कौर भिंडर को हराकर पार्टी को जीत दिलाई। इसके बाद उन्होंने 3 बार इस लोकसभा सीट से जीत हासिल की। वर्ष 2009 में विनोद खन्ना चुनाव हार गए, लेकिन 2014 में उन्होंने फिर से जीत हासिल की। 2017 में उनके निधन के बाद भाजपा ने स्वर्ण सलारिया को उपचुनाव में टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की।