-यह अभयारण्य 52,989.863 हेक्टेयर में होगा, जिसमें 29,958.863 हेक्टेयर बफर क्षेत्र और 23,031.00 हेक्टेयर मुख्य क्षेत्र शामिल है।
-रानीपुर बाघ अभयारण्य भारत सरकार की प्रोजेक्ट टाइगर योजना के तहत आ जाएगा।
-आवश्यक पदों की मंजूरी के साथ रानीपुर टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है।
क्या होता है टाइगर रिजर्व : बाघों के संरक्षण के लिए विभिन्न राष्ट्रीय पार्क और वन्य जीव अभ्यारण्य को केवल बाघों के लिए संरक्षित किया जाता है, उसे बाघ अभ्यारण्य या टाइगर रिजर्व कहते हैं। देश में बाघों की घटती आबादी के कारण विभिन्न क्षेत्रों में टाइगर रिजर्व बनाए गए हैं। देश के किसी भी क्षेत्र को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए राज्य सरकार इसकी सिफारिशें NTCA को भेजती है। NTCA की मंजूरी के बाद ही किसी क्षेत्र को राज्य सरकार टाइगर रिजर्व घोषित कर सकती है।
वर्तमान में भारत में कुल 53 बाघ संरक्षित क्षेत्र है। 2019 में आई बाघों पर रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 2967 बाघ हैं। 1936 में नेशनल पार्क का दर्जा प्राप्त जिम कार्बेट भारत का पहला टाइगर रिजर्व है। इसे 1 अप्रैल 1973 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नागार्जुन सागर श्रीशैलम है जबकि सबसे छोटा टाइगर रिजर्व पेंच (महाराष्ट्र) है।