भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) का लोगों को बेसब्री से इंतजार हैं। अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
बहरहाल आईपीओ की तारीख को लेकर इस हफ्ते फैसला हो सकता है। रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से कारोबारी माहौल सुस्त है। दुनियाभर के शेयर बाजार लाल निशान में दिखाई दे रहे हैं। इस वजह से भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
भारतीय शेयरों में उनकी रूचि लगातार घट रही है। कहा जा रहा है कि सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के बारे में कोई भी निर्णय निवेशकों के हितों को ध्यान में रखकर ही करेगी।
पहले सरकार फरवरी में लांच करना चाहती थी, फिर इसे मार्च के अंत तक लांच करने का प्लान किया। अब इसे मई में लांच किया जा सकता है।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि लांचिंग के लिए अभी करीब 2 माह का इंतजार करना पड़ सकता है। शेयर बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार, रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से बाजार कंडीशन सही नहीं थी इसलिए आईपीओ टल गया था।
उस समय बिकवाली का दौर था। अब बाजार रेंज बाउंड हो गया है। ऐसे में इस बड़े आईपीओ को लांच किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एलआईसी पर लोगों का भरोसा है इसलिए आईपीओ को अच्छा रिस्पांस मिलेगा।
हालांकि सेंटिमेंट्स सही नहीं होने की वजह से आईपीओ का साइज छोटा किया गया है। मार्केट एक्सपर्ट सागर अग्रवाल का मानना है कि एलआईसी का IPO जुलाई से सितंबर के बीच लांच हो सकता है।
यह एक बड़ा आईपीओ है और सरकार को निवेशकों के नुकसान की भी चिंता है। अगर सेंटिमेंट्स की वजह से मार्केट गिरता है तो लांचिंग के बाद शेयर प्राइज गिर जाएगा। इससे इसका हाल भी पेटीएम के आईपीओ की तरह हो सकता है।
सबसे बड़ा आईपीओ : एलआईसी भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। बाजार में लिस्ट होते ही कंपनी का बाजार पूंजीकरण रिलायंस और टीसीएस जैसी दिग्गज कंपनियों के करीब होगा। फिलहाल सबसे बड़े आईपीओ में पेटीएम (18,300 करोड़), कोल इंडिया (15,500 करोड़) और रिलायंस पावर (11,700 करोड़) शामिल है।
घटाया IPO का आकार : LIC ने अपने IPO का आकार घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है, जबकि मसौदा प्रस्ताव में सरकार ने 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था। मई के पहले सप्ताह में खुलने वाले आईपीओ के दौरान सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 21,000 करोड़ रुपए जुटने की उम्मीद है।
5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का था प्लान : LIC ने गत फरवरी में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास निर्गम का मसौदा दस्तावेज दाखिल किया था। उस समय एलआईसी ने कहा था कि सरकार इस बीमा कंपनी में 5 फीसदी हिस्सेदारी यानी 31.6 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी। विनिवेश से उसे 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक रकम जुटाने की उम्मीद थी।