देश में करेंसी पर तस्वीर को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। तमाम मीडिया मंचों और सोशल मीडिया में नोट पर किस की तस्वीर होनी चाहिए, इसे लेकर बहस चल रही है। यह विवाद शुरू हुआ है दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान के बाद। केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार से अपील है कि वो नोट पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की तस्वीर लगाएं, इससे देश की आर्थिक व्यवस्था को आशीर्वाद मिलेगा। इसके बाद विवाद तब और बढ गया जब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि क्यों न नोटों की नई सीरीज पर डॉ भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाई जाए। इतना ही नहीं, इसके बाद महाराष्ट्र से एक बयान आया कि करेंसी पर शिवाजी महाराज की तस्वीर लगाई जानी चाहिए।
इस पूरे विवाद के बीच यह जानना दिलचस्प होगा कि दुनिया में किन किन देशों की मुद्राओं पर धार्मिक प्रतीक अंकित हैं और आखिर क्या है रुपए का इतिहास।
कौन लेता है नोट पर तस्वीर लगाने का निर्णय?
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर करेंसी पर तस्वीर छापने के नियम क्या है और कौन यह फैसले लेता है। दरअसल, आरबीआई एक्ट 1934 के सेक्शन 25 के मुताबिक केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार मिलकर नोट और उस पर तस्वीर छापने का निर्णय करते हैं। केंद्र सरकार और आरबीआई की एक संयुक्त पैनल इसके लिए नियुक्त की गई है। बता दें कि आरबीआई ने नोट पर पहली बार महात्मा गांधी की फोटो उनके जन्म शताब्दी वर्ष 1969 में छापी थी। इसमें सेवाग्राम आश्रम भी था। वहीं, देश में पहले से ही अलग-अलग मूल्य के नोट और सिक्कों पर मंदिर, उपग्रह, बांध, उद्यान और देवी देवताओं की तस्वीरें अंकित की जाती रही है।
विदेशी करेंसी में देवी-देवताओं के चित्र
विदेशी मुद्राओं में देवी-देवताओं की तस्वीरों के अंकित होने की बात करें तो सबसे पहला नाम इंडोनेशिया का आता है। यहां नोट पर भगवान गणेश और मां पार्वती की तस्वीरें छपती हैं। वहीं कंबोडिया में करेंसी पर बुद्ध की तस्वीर प्रकाशित होती है। हालांकि भारत में कुछ चांदी के सिक्कों पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीरें छपती हैं, लेकिन इन्हें पूजा में इस्तेमाल किया जाता है।
सबसे पहले 1 रुपए का नोट : आजाद भारत में पहले नोट की बात करें तो आजादी के बाद देश में सबसे पहले एक रुपए का नोट छापा गया था। इस नोट को भारतीय मुद्रा के रूप में 12 अगस्त 1949 को जारी किया गया। इस पर अशोक स्तंभ अंकित किया गया था। इसके साथ ही आरबीआई ने नोट पर पहली बार महात्मा गांधी की फोटो उनके जन्म शताब्दी वर्ष 1969 में छापी थी।
कागजी मुद्रा : भारत में कागजी मुद्रा की शुरुआत 1770 में हुई थी, जब पहली बार बैंक ऑफ हिन्दुस्तान ने रुपए को नोट के रूप में छापा था। ये नोट कोलकाता में प्रिंट किए गए थे। जबकि ब्रिटिश राज में पहली बार कागजी नोट 1917 में छापे गए थे। फिर 1928 में महाराष्ट्र के नासिक में नोट छापने की अनुमति दी गई।
आरबीआई की स्थापना : भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी। अपनी स्थापना के करीब तीन साल बाद जनवरी 1938 में आरबीआई ने पहली बार पांच रुपए का नोट जारी किया था। इस नोट पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर प्रिंट की गई थी।
अब तक नोट पर और कौन-कौनसी तस्वीरें?
आजादी के बाद 1949 में एक रुपए का नोट जारी किया गया था। इस नोट पर गेटवे ऑफ इंडिया के चित्र बनाए गए। जबकि 1954 में 1 हजार, 5 हजार और 10 हजार के नोट भी छापे गए थे। इनमें 1 हजार के नोट पर तंजोर मंदिर, 5 हजार के नोट पर गेट वे ऑफ इंडिया, 10 हजार के नोट पर लॉयन कैपिटल, अशोक स्तंभ के चित्र थे। वहीं, दो रुपए के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह, पांच रुपए के नोट पर कृषि यंत्र, 10 के नोट पर राष्ट्रीय पक्षी मोर, 20 के नोट पर कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ का पहिया और कश्मीर के शालीमार बाग, और 100 के नोट पर हीराकुंड बांध का चित्र प्रिंट किया गया था।
यह है रुपए का इतिहास?
रुपया शब्द संस्कृत के रुप्यकम से आया है।
मध्यकाल में भारत में रुपए का प्रयोग सबसे पहले सूरी वंश के शासक शेरशाह सूरी ने किया था।
पहली बार देश में कागज के नोटों का प्रचलन 1861 के पेपर करेंसी एक्ट के बाद शुरू हुआ था।
1935 में रिजर्व बैंक की स्थापना हुई। 1938 जारी किया 5 रुपए का नोट।
1938 में ही जारी हुए 10, 100, 1000 और 10,000 रुपए के नोट जारी किए गए।
1940 में 1 रुपए का नोट जारी हुआ और फिर 1943 में 2 रुपए का नोट
स्वतंत्र भारत का पहला नोट 1 रुपए का था, जो 1949 में जारी हुआ था।
1960 में अलग अलग रंगों के नोट का चलन शुरू हुआ।
1996 में महात्मा गांधी के चित्र लगे नोटों की श्रंखला जारी की गई।
2016 में नोट बंदी के बाद 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपए का नोट।
अब एक बार फिर से भारतीय करेंसी यानी नोट राजनीतिक चर्चा में है। इसे लेकर तमाम मंचों पर बहस और विवाद हो रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नोट पर देवी देवताओं के चित्र हों, तो मनीष तिवारी ने कहा कि नोट पर डॉ अंबेडकर की तस्वीर होनी चाहिए। इसे लेकर अब भाजपा आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। तमाम नेताओं द्वारा बयानबाजी की जा रही है। Written & Edited: By NavinRangiyal