मोदी-शाह या RSS किसकी पसंद का होगा BJP का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष?

विकास सिंह

सोमवार, 7 जुलाई 2025 (14:10 IST)
14 करोड़ सक्रिय सदस्य के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा को जुलाई माह में अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने जा रहा है। राज्यों में भाजपा की संगठनात्मक चुनाव अब लगभग खत्म हो चुके है और अब नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया का काउंटडाउन शुरु हो गया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश से लौटने के बाद पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।

कौन बनेगा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष? भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर अब कयासों का दौर तेज हो गया है। अटकलें इस बात की लगाई जा रहा रही है कि भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या संघ की पंसद होगा या पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी। भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ मं कई दिग्गज चेहरों के साथ जातीय समीकरण को साधने वाले कई चेहरे भी शामिल है। सियासी गलियारों में यह सवाल भी चर्चा में है कि भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की पंसद का  होगा या जेपी नड्डा की तर्ज पर मोदी-शाह की ओर से नए  राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम आगे बढ़ाया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान-भाजपा अगर संघ की पंसद के साथ अनुभव और वरिष्ठता को तरजीह देती है तो मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में काफी आगे था। शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में मोदी सरकार में कृषि जैसे अहम विभाग का कामकाज संभाल रहे है। विदिशा लोकसभा सीट से आठ लाख से अधिक वोटों से रिकॉर्ड जीत हासिल करने के साथ भाजपा के सबसे अधिक लंबे समय तक मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड बनाने वाले शिवराज सिंह चौहान शिवराज सिंह चौहान की छवि एक ऐसे राजनेता के तौर पर है, जिसने जमीन से लेकर सियासत के शिखर तक का सफर तय किया है।

मध्यप्रदेश की राजनीति में पांव-पांव वाले भैय्या के नाम से पहचाने जाने वाले शिवराज सिंह चौहान अपनी लाड़ली बहना और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं के जरिए आज पूरे देश में घर-घर पहचाने जाते है। शिवराज सिंह चौहान ने जिस लाड़ली बहना योजना के सहारे 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड जीत के  साथ सत्ता दिलवाई वह आज पूरे देश में चुनाव में जीत की गारंटी बन चुकी है। यहीं कारण है कि शिवराज सिंह चौहान का नाम भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे है। संघ के  साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त के तौर पर पहचाने जाने वाले शिवराज सिंह चौहान भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते है।

मनोहर लाल खट्टर-हरियाणा के के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हो। संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले मनोहर लाल खट्टर को लंबा प्रशासनिक अनुभव होने के साथ संगठन पर भी उनकी गहरी पकड़ है। ऐसे में जब आने वाले समय में उत्तर भारत के कई प्रमुख राज्यों  में विधानसभा चुनाव होने है, तब मनोहर लाल खट्टर पर पार्टी दांव लगा सकती है। मनोहर लाख खट्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों का करीबी माना जाता है।

केशव प्रसाद मौर्य-उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में जिस तरह से ओबीसी वोटर्स भाजपा से छिटक गया है, उसको देखते हुए भाजपा केशव प्रसाद मौर्य जैसे ओबीसी चेहरे को भी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। केशव प्रसाद मौर्य की गिनती भी संघ के करीबी नेताओं में होती है और 2017 में उत्तर प्रदेश में पार्टी की अगुवाई करते हुए उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमता का परिचय दिया था और पार्टी को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लाए थे। ऐसे में जब भाजपा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी पहली परीक्षा बिहार विधानसभा चुनाव में देनी होगी तब पार्टी केशव प्रसाद मौर्य  पर दांव लगा सकती है।

सुनील बंसल-2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के काफी विपरीत था और पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बन गई थी ऐसे में अब जब 2027 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है तब क्या भाजपा क्या  उत्तर प्रदेश में  काफी लंबे समय तक काम कर चुके सुनील बंसल पर दांव लगाएगी यह देखना दिलचस्प होगा। उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूती देने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रभारी रह चुके सुनील बंसल को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। संघ के करीबियों में गिने जाने वाले सुनील बंसल उत्तर प्रदेश के प्रभारी रह चुके  है और राज्य में संगठन पर उनकी गहरी पकड़ है। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान सुनील बंसल ने देश भर में कॉल सेंटरों को भी संभाला, फीडबैक एकत्र किया और जमीन पर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।

विनोद तावड़े- पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े जो महाराष्ट्र से आते हैं उनका नाम भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौड़ में है। विनोद तांवड़े ओबीसी समाज से आते हैं, जो वर्तमान में बिहार के प्रभारी महासचिव हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी थी, जिसका नतीजा ये निकला कि भाजपा बिहार में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही। ऐसे में जब बिहार में विधानसभा चुनाव होने है तो पार्टी उन्हें जिम्मेदारी दे सकती है।

बीएल संतोष-भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष का नाम भी राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ मे है। बीएल संतोष  आरएसएस के बड़े प्रचारक भी रह चुके हैं और संगठन महासचिव के तौर पर उनकी पार्टी पर तगड़ी पकड़ है। बीएल संतोष को परदे के पीछे रणनीति बनाने में माहिर माना जाता है और अगर भाजपा दक्षिण भारत से किसी चेहरे को आगे करती है तो उसमें बीएल संतोष का नाम सबसे आगे होगा।

संघ के पंसद से बनेगा राष्ट्रीय अध्यक्ष? -भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष संघ की पंसद का नेता होगा, यह लगभग तय है। 2024 के लोकसभा चुनाव में संघ और भाजपा में जिस तरह की दूरियां दिखाई दी और उसका नुकसान पार्टी को देश के सबसे बड़े राज्य में उठाना पड़ा। सियासत के जानकार बताते है कि संघ का कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में घर बैठ गया जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा और वह राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई। ऐसे में अब भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती संघ को साधने की होगी। ऐसे में बहुत संभावना है कि भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष संघ की पसंद का ही नेता होगा।

जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म- जून 2019 में जेपी नड्डा को भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष और जनवरी 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया था। जेपी नड्डा का बतौर भाजपा अध्यक्ष का कार्यकाल फरवरी 2024 में पूरा हो चुका था लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें अध्यक्षीय कार्यकाल का एक्सटेंशन दिया गया था और वह तब से राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए है।  ऐसे में जब बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरु हो गई है तब पार्टी जल्द अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन कर पूरी तरह चुनावी मोड में  जाने की तैयारी मे है।

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