सूरत में क्यों अचानक से आने लगे कुत्तों के काटने के 40 से ज्यादा मामले
पिछले दिनों भोपाल में बच्चे का हाथ काटकर ले गए थे
इंदौर, नोएडा आदि में भी लगातार बढ़ रही कुत्तों के काटने के केस
Dog bite case in India: देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल हुए गुजरात के सूरत शहर में आवारा कुत्तों के हमले में एक बच्ची की मौत का खौफनाक मामला सामने आया है। यहां के पांडेसरा भेस्तान इलाके के सिद्धार्थ नगर में झाड़ियों में गायों के लिए चारा निकालने गई 4 साल की बच्ची पर करीब 8 से 10 कुत्तों ने हमला कर दिया। उसे पूरी तरह से नोच डाला। माता-पिता जब काम से घर लौटे तो बच्ची गायब थी, ढूंढा तो पास में झाडियों में घायल और बेहोश मिली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हाल ही में डिंडोली इलाके के श्रीनाथ नगर में 6 साल के पृथ्वीराज अमरेश चौहान को दो कुत्तों ने नोचकर बुरी तरह घायल कर दिया। जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को काट रहे : मेघना पटेल (एंटी रेबीज विभाग स्टाफ नर्स) के मुताबिक फिलहाल डॉग बाइट के रोजाना 35 से 40 नए मामले सामने आ रहे हैं। जबकि करीब 55 से 60 लोग पुरानी खुराक लेने आ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सूरत के पांडेसरा, लिंबायत जैसे इलाकों में कुत्ते छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पर हमला कर रहे हैं।
सूरत में कुत्ते काटने के रोज 15 मामले आ रहे : बता दें कि सूरत के अलग अलग इलाकों में कुत्ते काटने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एंटी रेबीज विभाग के मुताबिक यहां रोजाना 35 से 40 कुत्ते काटने के मामले सामने आ रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर सूरत में कुत्तों के काटने के मामले अचानक से क्यों बढ़ने लगे हैं। दरसअल, सूरत में कुत्तों के काटने के इतने मामले पहले नहीं आते थे। लेकिन जब से सूरत देश के सबसे स्वच्छ शहरों की श्रेणी में आया है, तब से यहां डॉग बाइटिंग के मामले आ रहे हैं।
इंदौर और सूरत में क्यों काट रहे कुत्ते : दरअसल, इन दिनों कुत्तों के काटने के मामले मध्यप्रदेश के इंदौर में भी बढ़े हैं। इसके बाद अब सूरत में कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। दरअसल, इंदौर पिछले 6 सालों से देश के सबसे स्वच्छ शहरों में नंबर वन आ रहा है, इस बार गुजरात का सूरत भी स्वच्छ शहरों की श्रेणी में शामिल हुआ है। इसके बाद से इन दोनों शहरों में कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं।
सूरत के हाल सूरत में 80 से 90 हजार कुत्ते : सूरत महानगर पालिका के मुताबिक सूरत शहर में 80 से 90 हजार कुत्ते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पालिका ने 30 हजार कुत्तों के खसीकरण का ठेका दिया था।
सूरत में 2700 कुत्ते, नसबंदी कर दी 30 हजार की, कैसे : सूरत में हाल ही में नया विवाद सामने आया है। आरटीआई के जरिए जो जानकारी निकलकर आई है उससे लोगों को हैरान कर दिया है। आधिकारिक तौर पर सूरत नगर निगम में 2700 आवारा कुत्ते हैं। लेकिन, सूरत नगर निगम ने 30 हजार कुत्तों को पकड़कर उनका खसीकरण किया है।
इंदौर के हाल 3500 केस कुत्तों के काटने के हर महीने : शासकीय हुकमचंद पालीक्लिनिक (लाल अस्पताल) के प्रभारी डॉ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि हर महीने औसतन 3500 केस कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। यह संख्या हर महीने कुछ ही ऊपर-नीचे होती है। डॉग बाइट की यह संख्या केवल लाल अस्पताल में आने वाले पीड़ितों की है। इसके अलावा शहर के अन्य अस्पतालों में भी सैकड़ों पीड़ित पहुंचते हैं।
3500 केस हर महीने केवल लाल अस्पताल में पहुंच रहे।
1 लाख 80 हजार कुत्तों की अब तक हुई नसबंदी।
60 हजार करीब कुत्ते नसबंदी से अभी भी वंचित हैं।
कुत्तों के काटने के बढते मामलों को समझने के लिए वेबदुनिया ने डॉक्टर्स, एनजीओ संचालकों और जानवरों के लिए काम करने वाली पीपल फॉर एनिमल जैसी संस्था के सदस्यों से चर्चा की। जिसमें निकल कर सामने आया कि जो कुत्ते कभी इंसानों के इतने अच्छे दोस्त और वफादार हुआ करते थे, आखिर क्यों अचानक इंसानों पर हमला कर रहे हैं
क्या कहते हैं डॉक्टर? डॉ प्रशांत तिवारी ने वेबदुनिया को बताया कि कुत्ते बेहद समझदार जीव हैं। कभी आगे से हिंसक होकर नहीं काटते हैं। यह सब निर्भर करता है कि हम उन्हें कैसे ट्रीट कर रहे हैं। डॉ तिवारी ने बताया कि यह बात सही है कि इन दिनों कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। लेकिन जहां तक काटने की बात है तो यह कुत्तों में चिड़चिड़ेपन की वजह से हो रहा है। अब सवाल उठता है कि कुत्ते क्यों हिंसक और चिड़चिड़े हो रहे हैं। डॉ तिवारी ने बताया कि इन वजह से कुत्ते हिंसक हो सकते हैं।
सर्वाइवइल के संघर्ष से चिड़चिड़ापन बढ़ गया है।
वाहन, हॉर्न, ट्रैफिक का शोर डिस्टर्ब कर रहा है।
संख्या ज्यादा होने से सभी को खाना नहीं मिल पा रहा।
असामाजिक तत्व कुत्तों को वेबजह परेशान करते हैं।
अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर कुत्तों में असुरक्षा है।
लोग कुत्तों और उनके बच्चों के साथ मारपीट करते हैं।
इंदौर भोपाल में ठीक से नसबंदी नहीं हो पा रही है।
क्यों हिंसक हो रहे कुत्ते? पीपल फॉर एनिमल संस्था के तहत कुत्तों के लिए शेल्टर होम संचालित करने वाली प्रियांशु जैन ने वेबदुनिया को बताया कि कुत्तों के हिंसक होने के पीछे वजह है कि सफाई की वजह से उन्हें खाना नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही कुत्ते अपने छोटे बच्चों के को लेकर भी असुरक्षित हैं। लोग कुत्तों और छोटे बच्चों के साथ भी मारपीट करते हैं। इस वजह से उनमें असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। दूसरा इंदौर और भोपाल में ठीक से कुत्तों की नसबंदी नहीं हो रही है, जिससे इनकी तादात लगातार बढ़ रही है।