विपक्षी दलों ने भी इसका पूरा ठीकरा सत्ता पक्ष के सिर पर फोड़ने में देर नहीं की। संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा कि वे क्षुब्ध हैं कि भोजन, आस्था जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान की ओर से समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है। सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और सांप्रदायिक हिंसा के अपराधियों को कड़ी सजा देने की संयुक्त अपील की है। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है।