मौर्य ने मंगलवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से 1 घंटे तक मुलाकात की थी। मौर्य ने दिल्ली आकर सियासी हलचल को बढ़ा दिया है। इससे पहले रविवार को लखनऊ में हुए सम्मेनल में केशव मौर्य ने सबसे बड़ी बात कही थी। मौर्य ने कहा था कि जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है। सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा।
इस बीच सीएम योगी ने लखनऊ में मंत्रियों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इसमें उत्तरप्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों पर चर्चा की जाएगी। 2022 के विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने इनमें से 5 सीटें जीती थीं। वहीं, भाजपा ने 3 सीटें जीतीं थीं। राष्ट्रीय लोक दल और निषाद पार्टी ने भी एक-एक सीट जीती थी। ALSO READ: लोकसभा चुनाव में UP में भाजपा की हार के बाद अब CM योगी आदित्यनाथ की अग्निपरीक्षा!
इधर उत्तराखंड में हाल में हुए उपचुनावों में भाजपा की हार पर घमासान मचा हुआ है। केदारनाथ और मेंगलौर सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। केदारनाथ में भाजपा की हार की तुलना अयोध्या में पार्टी की हार से की गई। बहरहाल पार्टी इस हार की समीक्षा कर रही है।
देहरादून में भाजपा की विस्तारित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इन चुनावों में प्रत्याशियों का चयन ठीक नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान नहीं मिल रहा है। सबसे राय मशविरा करके प्रत्याशी का चयन करना होगा, थोपना नहीं है। ALSO READ: अयोध्या के बाद बद्रीनाथ में भी BJP हारी, उत्तराखंड की दोनों सीटें कांग्रेस ने जीती
गौरतलब है कि दोनों ही उपचुनावों में भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी उतारे थे। मेंगलौर सीट से भाजपा उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना हरियाणा से लाए गए थे जबकि बद्रीनाथ से भाजपा ने राजेंद्र भंडारी को प्रत्याशी बनाया था। वे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।