सुप्रीम कोर्ट ने दी विधवा विवाह को प्रोत्साहित करने की सलाह

मंगलवार, 18 जुलाई 2017 (23:16 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को विधवा विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने की आज  सलाह दी। शीर्ष अदालत ने परित्यक्त विधवाओं के सशक्तीकरण के लिए केंद्र सरकार के प्रयास को नाकाफी बताते हुए कहा कि केंद्र ने इन विधवाओं के सशक्तीकरण, पोषक आहार, स्वच्छता एवं विधवाश्रमों में साफ-सफाई के मुद्दों पर ठीक से पहल नहीं की है।
 
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्र सरकार के कार्यक्रमों पर विचार करने के बाद कहा कि  सरकार की कार्ययोजना में 16 से 20 वर्ष के आयुवर्ग की विधवाओं के विवाह जैसे महत्वपूर्ण पहलू पर विचार नहीं किया गया है। न्यायालय ने कहा कि सरकार को विधवा विवाह को प्रोत्साहित करना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह विधवाओं की स्थिति सुधारने  की केंद्र सरकार की योजना पर संदेह नहीं कर रही है, लेकिन इसे उचित तरीके से किया जाना चाहिए।
 
पीठ ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए 2001 में राष्ट्रीय नीति बनी थी, लेकिन 15 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी महिलाओं का सशक्तीकरण नहीं हो सका है। न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार की दलीलें सुनने के बाद कहा कि केंद्र सरकार को इस राष्ट्रीय नीति में संशोधन करना चाहिए, साथ ही विधवाओं को पोषक आहार उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। (वार्ता)

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