EPFO pension: केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया (labour minister Mansukh Mandaviya) ने कहा कि सरकार ईपीएस-95 पेंशनरों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कदम उठा रही है। ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि समिति के प्रतिनिधिमंडल की मांडविया के साथ हुई बैठक में 7500 रुपए प्रति माह न्यूनतम पेंशन, महंगाई भत्ता, पेंशनरों और उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं, उच्च पेंशन प्रणाली में विसंगतियों का समाधान संबंधित मुद्दे उठाए गए। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ईपीएफ पेंशनरों को न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए मिलती है।
जल्द निर्णय लेगी सरकार : राउत ने देशभर के 78 लाख ईपीएस-95 पेंशनरों की दयनीय स्थिति पर जोर देते हुए इन समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित और निर्णायक कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मांडविया ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार इन समस्याओं को सुलझाने के लिए कदम उठा चुकी है। मांडविया ने समिति के दिल्ली में भूख हड़ताल आंदोलन को उनके आग्रह पर स्थगित करने की अपील करते हुए कहा कि हम पेंशनरों के हित में जल्द निर्णय लेंगे ताकि सभी के लिए लाभकारी समाधान हो।
इस बैठक में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति, संयुक्त श्रम सचिव आलोक मिश्रा, अतिरिक्त सीपीएफसी चंद्रमौलि चक्रवर्ती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। समिति के प्रतिनिधिमंडल की ओर से राउत के अलावा राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत, राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार डॉ पीएन पाटिल, राष्ट्रीय मुख्य समन्वयक रामकांत नार्गुंड और राष्ट्रीय सचिव राजीव भटनागर ने पेंशनरों के मुद्दे का समर्थन किया।
क्या कहा सरकार ने : दूसरी ओर, सरकार ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े कर्मचारियों को बढाकर पेंशन देने से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले से कानूनी, वित्तीय, भविष्य के लेखे जोखे और क्रियान्वयन संबंधी मसले जुड़े हैं। उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को चरणबद्ध ढंग से लागू करने के लिए अलग-अलग चरण के लिए समयसीमा निर्धारित की है। सरकार की ओर से फैसले को लागू करने के बारे में कहा कि इससे कानूनी, वित्तीय, भविष्य के लेखे जोखे तथा इसके लागू करने संबंधी मसले जुड़े हैं।
अभी कितनी मिलती है पेंशन : वर्तमान में ईपीएफ पेंशनरों को न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए मिलती है, जबकि इसकी अधिकतम सीमा 7500 है। ईपीएफ पेंशन की पात्रता निजी क्षेत्र में काम करने वाले उन्हीं कर्मचारियों को मिलती है, जिनका पीएफ अंशदान कम से कम 10 साल तक किसी एक संस्थान में या एक अधिक संस्थानों में जमा हुआ है। 10 साल से कम अंशदान वाले कर्मचारियों को पेंशन की पात्रता नहीं होती।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala