इन अटकलों को बल भारत में ईरान के राजदूत के बयान से भी मिलता है। ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने कहा है कि अमेरिका के साथ तनाव कम करने की दिशा में हम भारत के किसी भी शांति कदम का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं, हम क्षेत्र में सभी के लिए शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। क्योंकि भारत के न सिर्फ ईरान से बल्कि अमेरिका से भी अच्छे रिश्ते हैं। मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तो 'दोस्त' कहकर संबोधित करते हैं। मुलाकात के दौरान भी दोनों नेता बड़ी सहजता से मिलते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि यदि ईरान और अमेरिका चाहेंगे तो भारत के प्रधानमंत्री 'शांति दूत' की भूमिका का निर्वाह कर सकते हैं।