राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देश की सबसे पुरानी पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे अशोक गहलोत बुधवार को दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। करीब दो घंटे सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अब अशोक गहलोत बाहर निकले तो मीडिया से कोई बात नहीं की।
अशोक गहलोत अगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते तो क्या वह राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ेंगे, यह अब बड़ा सवाल बन गया है। इस सवाल को लेकर जब आज अशोक गहलोत से पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस में एक पद-एक व्यक्ति का सिद्धांत केवल नॉमिनेटेड पदों के लिए है। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सबके लिए खुला है, चाहे कोई भी लड़ सकता है, कोई भी व्यक्ति मंत्री भी रह सकता है और कांग्रेस अध्यक्ष भी बन सकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है कांग्रेस के 9 हजार डेलीगेट में कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष बन सकता है।
अशोक गहलोत का यह बयान ऐसे समय आया जब यह माना जा रहा है कि उनका नाम राष्ट्रीय बनने की दौड़ में सबसे आगे है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल अशोक गहलोत अब तक के तय कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए केरल के कोच्चि जा रहे है।
उदयपुर संकल्प से फंसेगा पेंच?-राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो पदों पर रहने में कांग्रेस का उदयपुर अधिवेशन में पास ही प्रस्ताव सबसे बड़ी बाधा है। उदयपुर अधिवेशन में कांग्रेस ने तय किया था कि संगठन में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत लागू होगा। यानि कांग्रेस के एक व्यक्ति एक ही पद पर रहेगा। अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहते है तो उदयपुर संकल्प पर ही सवाल उठा जाएंगे।
राहुल से मिले सचिन पायलट-अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अटकलों के बीच राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट केरल पहुंचे और राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। सचिन पायलट की राहुल से मुलाकात को कांग्रेस में आने वाली राजनीतिक समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं जब कोच्चि में जब मीडिया ने सचिन पायलट से अशोक गहलोत के बारे में सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
राजस्थान में 2018 विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने सचिन पायलट की अगुवाई में चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी के दखल के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया गया था। वहीं इसके बाद सचिन पायलट राजस्थान के उप मुख्यमंत्री बने थे लेकिन 2020 में सचिन पायलट की पार्टी से बगावत के बाद उन्हें सरकार से हटा दिया गया। ऐसे में अब जब राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले तब अगर सचिन पायलट को कांग्रेस आगे नहीं करती है तो क्या सचिन पायलट का अगला रूख क्या होगा यह देखना होगा।