दुनिया में बढ़ते बढ़ती वाहनों की संख्या, बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या हवा भी प्रदूषित हो रही है, जिससे इंसान को शुद्ध हवा भी नहीं मिल पा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया के टॉप 20 प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है। इस सूची में भारत के लिए बड़ी चिंता की बात यह है कि इसमें 10 शहर भारत के हैं।
डब्ल्यूएचओ ने यह रिपोर्ट पर्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम) के आधार पर बनाई है। पीएम हवा में फैले सूक्ष्म खतरनाक कण हैं जो हमारे फेफड़ों में भी प्रवेश कर जाते हैं। 2.5 माइक्रोग्राम से छोटे इन कणों को पर्टिकुलेट मैटर 2.5 या पीएम 2.5 कहा जाता है। प्रत्येक क्यूबिक मीटर हवा में पीएम 2.5 कणों का स्तर जानकर प्रदूषण का आकलन किया जाता है।
वायु की गुणवत्ता को पीएम 2.5 की मौजूदगी से मापा गया जिसका सालाना औसत 122 है। डब्ल्यूएचओ की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में थे। भारत के लुधियाना, कानपुर, खन्ना लखनऊ और फीरोजाबाद भी सबसे प्रदूषित शहरों में हैं, इनका स्थान क्रमश: 12, 15, 16, 17 और 18 वां है। टॉप-20 प्रदूषित शहरों में पाकिस्तान का केवल एक शहर पेशावर है। पेशावर 20वें पायदान पर है।