Delhi Rain: दिल्ली में बारिश ने तोड़ा 41 साल का रिकॉर्ड, यमुना हुई लबालब, मंगलवार को पार कर सकती है खतरे का निशान

रविवार, 9 जुलाई 2023 (22:01 IST)
 
नई दिल्ली। Delhi Rain update : दिल्ली में भारी बारिश ने 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और इसके मंगलवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार करने की आशंका है। दिल्ली सरकार ने हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बराज से यमुना नदी में 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की। रविवार को उत्तर भारत के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई और भूस्खलन और बारिश से जुड़ी अन्य घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई। 
 
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एक आदेश में कहा कि शाम चार बजे हथिनीकुंड बराज से 1,05,453 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़े जाने के चलते पहली चेतावनी जारी की गई है।’
 
आमतौर पर बराज पर प्रवाह दर 352 क्यूसेक है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा से पानी का बहाव बढ़ जाता है। बराज से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब दो से तीन दिन लगते हैं।
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विभाग के मुताबिक, बाढ़ के खतरे के मद्देनजर अधिकारियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया गया है। नदी के तटबंध के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक और आगाह करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दलों को भी तैनात किया गया है।
 
दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।
 
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर रविवार अपराह्न एक बजे 203.18 मीटर था, जबकि खतरे का स्तर 204.5 मीटर है।
 
सीडब्ल्यूसी ने एक परामर्श में कहा कि मंगलवार को सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने की आशंका है।
 
उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई इलाकों में ‘भारी से बहुत भारी’ बारिश दर्ज की गई है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सर्वाधिक बारिश है। चंडीगढ़ और अंबाला में रिकॉर्ड क्रमश: 322.2 मिलीमीटर और 224.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
 
दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित निचले इलाके बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं और वहां करीब 37,000 लोग रहते हैं।
 
गुरुग्राम में वर्कफ्रॉम होम : गुरुग्राम जगह-जगह पर जलभराव हो गया और कई हिस्सों में यातायात जाम हो गया। प्रशासन ने कॉरपोरेट कार्यालयों को अपने कर्मियों से सोमवार के लिए घर से काम कराने तथा विद्यालयों को छुट्टी की घोषणा करने की सलाह दी है।
 
भारी वर्षा से शहर में बहुत खराब स्थिति उत्पन्न हो गयी है। सड़कों, उद्यानों, अंडरपास, बाजारों और यहां तक कि स्कूलों एवं अस्पतालों में जलभराव हो गया।
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उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने लोगों से घरों में ही रहने तथा जरूरी काम होने पर ही बाहर निकलने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि कॉरपोरेट कार्यालयों को भी सोमवार को अपने कर्मियों को घर से काम करने की सलाह देने को कहा गया है ताकि वर्षा रूकते ही सड़कों से पानी हटाया जा सके ।
 
जिला प्रशासन की ओर से परामर्श जारी होने के बाद सोमवार को शहर में निजी विद्यालयों के बंद रहने की संभावना है।
 
डीएवी पब्लिक स्कूल (सेक्टर 14) के प्राचार्य की ओर से जारी संदेश में कहा गया है, रुक-रुक हो रही बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है और आना-जाना बहुत कठिन है। इसलिए , जिला प्रशासन के आदेश पर विद्यार्थियों की सुरक्षा के वास्ते विद्यालय कल बंद रहेंगे।’’
 
अधिकारियों के अनुसार गुरूग्राम में शनिवार पूरी रात बारिश हुई जो सुबह तक भी जारी रही । शहर में दोपहर तक 150 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
 
सोशल मीडिया पर घुटने तक पानी में यात्रियों के आने-जाने के फोटो एवं वीडियो नजर आ रहे हैं। इससे शहर की जल निकासी व्यवस्था के असरदार होने पर चिंता प्रकट की जा रही है।
 
यातायात पुलिस विभाग की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि निरंतर वर्षा से जलभराव हो गया है तथा यातायात बहुत धीमा है। इसलिए हम आप सभी से केवल जरूरी होने पर ही घर से बाहर जाने का अनुरोध करते हैं । असुविधा के लिए खेद है।
 
उसने कहा कि हिमगिरि चौक, अग्रवाल धर्मशाला चौक, शीतला माता मंदिर रोड , कन्हाई चौक, राजीव चौक, एम जी रोड और सोहना रोड एवं अन्य स्थानों पर जलभराव की गंभीर समस्या नजर आयी। उद्योग विहार, रोजवुड सिटी, मालीबू टाउन, सेक्टर 14,17 और 31 में भी पानी जमा हो गया है।
 
दिल्ली-गुरूग्राम एक्सप्रेसवे से गुजर रहे यात्रियों का बहुत बुरा अनुभव रहा क्योंकि नरसिंहपुर के समीप मुख्य मार्ग और सर्विस लेन पानी में डूब गए थे।
 
शहर की कई सड़कों पर गाड़ियों के भारी जाम की खबर है। पुलिस उपायुक्त (यातायात) विरेंद्र विज ने कहा कि अंदर की सड़कों और एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की गति धीमी है लेकिन कोई भीड़भाड़ नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी हालात को संभाल रहे हैं।
 
यादव ने कहा कि नगर निकाय एजेंसियों की कई टीम पंप की मदद से सडक़ों से पानी हटाने में जुटी हैं। गुरूग्राम के लोगों ने समय से नालों की सफाई नहीं कराने को लेकर गुरूग्राम नगर निगम और गुरूग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की निंदा की है।
 
गृह मंत्री ने लिया जायजा : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार बारिश के मद्देनजर स्थिति का रविवार को जायजा लिया। उन्होंने पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और दिल्ली तथा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपालों से बात की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
 
गृह मंत्री ने उन्हें बारिश से उत्पन्न स्थिति से निपटने में सभी केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया।
 
सूत्रों ने कहा कि शाह ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की और बारिश से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली।
 
राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश को देखते हुए गृह मंत्री ने उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना से भी बात की और जानकारी ली।
 
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की और भारी बारिश के कारण स्थगित की गई अमरनाथ यात्रा की स्थिति के बारे में चर्चा की।
 
शाह ने जम्मू कश्मीर में अमरनाथ तीर्थयात्रियों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की सराहना की।
 
उन्होंने ट्वीट किया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सभी बाधाओं के बावजूद राष्ट्र और मानवता की सेवा में हमेशा तत्पर रहे हैं। प्रत्येक तीर्थयात्री को सुरक्षित अमरनाथ यात्रा कराने के हमारे लक्ष्य को पूरा करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

पवित्र तीर्थस्थल से वापस लौटते समय एसडीआरएफ के एक जवान द्वारा एक महिला यात्री को हिमालय के दुर्गम इलाके से तीन किलोमीटर तक अपनी पीठ पर ले जाते हुए एक तस्वीर साझा की जा रही है। मैं नागरिकों की सुरक्षा का प्रतीक बनने के लिए उनकी सराहना करता हूं।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है।
 
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की तीन घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। राज्य के सात जिलों के लिए अत्यधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। भाषा  Edited By : Sudhir Sharma

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