पूर्व में दी गई हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद ईडी ने येस बैंक के अपदस्थ पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक 62 वर्षीय कपूर को अदालत के समक्ष पेश किया। न्यायाधीश ने जब पूछा कि उन्हें कोई शिकायत है तो कपूर ने कहा कि वे गत छह-सात साल से दमा के मरीज हैं और उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है एवं वे अवसाद से ग्रस्त हैं।
कपूर के वकील अब्बाद पोंडा ने कहा कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाला व्यक्ति आसानी से कोरोना वायरस का शिकार हो सकता है। कपूर को बड़ी कोठरी में रखने का अनुरोध करते हुए वकील ने कहा, वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है, यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है। अगर उन्हें वहां (जेल) भेजा जाता है तो संक्रमित हो सकते हैं जो बहुत ही गंभीर होगा।
ईडी के मुताबिक, कपूर के कार्यकाल में 30 हजार करोड़ रुपए का ऋण दिया गया, जिनमें से 20 हजार करोड़ रुपए का ऋण डूब गया। उन पर और भी अनियमितताएं करने का आरोप है। उनके वकील ने कहा, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी कपूर के खिलाफ जांच कर रही है और सीबीआई अदालत के समक्ष पेश करने का वारंट हासिल कर चुकी है। सीबीआई भी कपूर की हिरासत चाहती है।