इस्लामिक प्रचारक ने कहा कि इसके अलावा अगर हम इतिहास देखें तो आतंक के आरोपों का सामना करने वाले 90 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों को 10 से 15 साल में बरी किया गया। लिहाजा मुझे भी औसतन 10 साल के लिए जेल में डाला जा सकता है। इससे मेरा पूरा अभियान बाधित होगा, ऐसे में मैं यह बेवकूफी क्यों करूं। नाइक ने कहा कि अगर एनआईए चाहती है तो वह उससे मलेशिया में पूछताछ कर सकती है।
जब उससे न्याय का आश्वासन पर मिलने पर भारत लौटने के बारे में पूछा गया तो नाइक ने कहा कि अगर भारत का उच्चतम न्यायालय आश्वासन देता है कि डॉक्टर जाकिर नाइक आए, उसे दोषी ठहराए जाने तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तो ही मैं भारत वापस आऊंगा।
जाकिर नाइक का नाम 1 जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक कैफे में हुए आतंकी हमले के बाद उछला था, जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उस पर आरोप लगाए थे। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के उस हमले में 20 लोगों की मौत हो गई थी। (भाषा)