उच्चतम न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि अगर उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई के लिए कोई अन्य प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो भी उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। पीठ ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को समाप्त करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि राजधानी की
पटियाला हाउस अदालत में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष 20,000 रुपए का एक मुचलका (जमानत बॉन्ड) जमा करने के बाद जुबैर को उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों में जमानत पर रिहा किया जाएगा।