नई दिल्ली। सरकारी तेल विपणन कंपनियां इस सप्ताहांत पेट्रोल के दाम में करीब एक रुपए प्रति लीटर तथा डीजल के मूल्य में 50 पैसे लीटर की वृद्धि कर सकती हैं। तेल कंपनियों को लागत के अनुरूप ईंधन के दाम समायोजित करने का जो अधिकार मिला है, उस पर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है।
पिछले दो सप्ताह में वैश्विक बाजार में पेट्रोल के दाम में वृद्धि से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को पेट्रोल पर 1.32 पैसा प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। कंपनियों अब इसे ग्राहकों पर टालना चाह रही हैं। कंपनियों की 15 फरवरी को अगली समीक्षा बैठक होनी है जिसमें ईंधन के दाम बढ़ाने का निर्णय किया जा सकता है।
इसी प्रकार, सरकार के निर्णय के अनुरूप डीजल के दाम में 40 से 50 पैसा प्रति लीटर की वृद्धि हो सकती है। पिछले महीने सरकार ने तेल कंपनियों को डीजल के दाम में हर महीने थोड़ी-थोड़ी वृद्धि करने की अनुमति दे दी। कंपनियां यह वृद्धि तब तक करेंगी जब तक कि 9.22 रुपए प्रति लीटर का नुकसान पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन आरएस बुटोला ने कहा, गैसोलीन (पेट्रोल) की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजर में चढ़ रही हैं। यह बताता है कि पेट्रोल पर हमें नुकसान हो रहा है। हम पाक्षिक समीक्षा में कीमतों की समीक्षा करेंगे। यह बैठक 15 फरवरी को होनी है। हम यह नहीं कह सकते कि कीमत वृद्धि की कोई संभावना नहीं है लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि हम समीक्षा बैठक में क्या निर्णय करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि पेट्रोल का लदान मूल्य 123 डॉलर बैरल से बढ़कर 131 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। इससे पहले, पेट्रोल की कीमत की समीक्षा 18 जनवरी को की गई थी। उस समय पेट्रोल का दाम 30 पैसे कम कर 67.26 रुपए प्रति लीटर (दिल्ली में) किया गया था। (भाषा)