भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेता एबी बर्धन ने माकपा पर वस्तुत: हमला बोलते हुए चुनावों में वाम दलों की हार का दोष उसके मत्थे मढ़ दिया। बर्धन ने कहा कि अब समय आ गया है कि मार्क्सवादी इस रूझान को बदलें और खोई हुई जमीन को वापस हासिल करने की कोशिश करें।
बर्धन ने करन थापर को ‘इंडिया टु नाइट’ कार्यक्रम में दिए गए इंटरव्यू में कहा कि माकपा वाम मोर्चा का अग्रणी साझेदार है और हाल के चुनावों में हुई हार यह सोचने के लिए मजबूर करती है कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के प्रतिकूल क्या चीज गई।
बर्धन ने कहा कि सबसे बड़े वाम दल माकपा को इस हार की प्रमुखता से जिम्मेदारी लेनी चाहिए और खोई हुई जमीन को वापस हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आम चुनावों के समय से ही वाम दलों को हो रहा नुकसान देश के समूचे वाम आंदोलन के लिए गंभीर झटका है। बर्धन ने कहा कि हाल के चुनावों में काफी गंभीर झटका लगा है। वस्तुत: पूरे वाम आंदोलन को झटका लगा है।
उन्होंने कहा कि वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ जो विरोध शुरू हुआ, अब वह आम तौर पर वाम विरोधी या वामपंथी विरोधी आंदोलन बन गया है। यह काफी खतरनाक रूझान है।
भाकपा नेता ने कहा कि उनकी बात ममता बनर्जी की नीतियों और कार्यक्रमों का समर्थन नहीं है क्योंकि वे नीतियाँ और कार्यक्रम क्या हैं, जनता को पता नहीं है और मुझे यकीन है कि ममता को खुद भी नहीं पता है। बर्धन ने कहा कि चुनाव परिणाम वाम और राज्य सरकार के प्रदर्शन के खिलाफ दिए गए वोट थे और इस बात के भी खिलाफ कि उन्हें क्या नहीं करना चाहिए था या उन्होंने क्या किया।
उन्होंने सीटों की संख्या में आई गिरावट पर चिन्ता व्यक्त की। साथ ही कहा कि वामपंथी खुद को सुधारने में सक्षम हैं। यदि गलतियों को सुधार लिया जाए तो वाम मोर्चे का प्रदर्शन अच्छा हो सकता है।
बर्धन ने कहा कि यदि इस बात का अहसास है कि जो गलत हुआ, उसे सुधारने की जरूरत है। यदि अहसास हो कि जनता के साथ किसी का व्यवहार और जीवन शैली और अभिमान को छोड देना है तो जनता वाम के साथ अभी भी है क्योंकि वाम मोर्चा के पास कार्यक्रम है और उसने पश्चिम बंगाल में काफी कुछ अच्छा किया है। उन्होंने पार्टी तंत्र के निचले और मध्यम स्तर पर भ्रष्टाचार को स्वीकार किया।
भाकपा नेता ने कहा कि सबसे बड़े वाम दल के रूप में माकपा को प्रमुखता से हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और खोई हुई जमीन वापस लाने के लिए काम करना चाहिए। मैं मानता हूँ कि माकपा नेता शीर्ष स्तर पर बेहतरीन कोशिश कर रहे हैं। वे चिन्तित हैं। यही सोच नीचे भी होनी चाहिए।
यह पूछने पर कि क्या माकपा नेतृत्व जनता से दूर हो गया है? बर्धन ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है। हमारे सभी लोग जनता से दूर हो गए और मैं सभी को दोषी ठहराऊँगा।
उन्होंने बड़े साझेदार को नहीं सुधारने के लिए माकपा के साझेदारों भाकपा, आरएसपी और फारवर्ड ब्लाक को भी दोषी माना लेकिन कहा कि मैं ऐसा नहीं लगने देना चाहता कि हमीं हैं जो हर बार सुधारने की कोशिश कर रहे हैं और वही हैं जो हर बार सुधरने से मना कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव निर्धारित समय सीमा से पहले कराने के बारे में बर्धन ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। (भाषा)