आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाला दुर्गा पूजा का पावन पर्व नवरात्रि 10 अक्टूबर 2018 से शुरू हो रहा है। इसे शारदीय नवरात्रि या शरद नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व 10 से 18 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। 9 दिनों के पर्व में कई शुभ कार्य किए जाते हैं।
जो लोग नवग्रहों की परेशानियों से जूझ रहे हैं उन्हें जन्म पत्रिका में स्थित नौ ग्रह शांति के लिए नवरात्रि में इन विशेष मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। ग्रहों की शांति नवरात्रि में जप व दान से हो सकती है।
आइए, पढ़ें नवरात्रि में नौ ग्रह शांति के विशेष मंत्र :
1. सूर्य ग्रह
मंत्र- 'ॐ घृणि: सूर्याय नम:' जपें।
दान- गेहूं, गुड़, सोना, तांबा, माणिक्य इत्यादि।
2. चंद्र ग्रह
मंत्र- 'ॐ सों सोमाय नम:' जपें।
दान- दूध, चावल, चांदी, घृत, शंख इत्यादि।
3. मंगल ग्रह
मंत्र- 'ॐ अं अंगारकाय नम:' जपें।
दान- रक्त (स्वयं का), तांबा, सोना, गुड़, मूंगा इत्यादि।
इसके साथ ही समय-समय पर गौदान, छायादान (कांसे के कटोरे में घी भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर) तथा गाय, कुत्ता, चींटी, भिक्षुक, ब्राह्मण इत्यादि को यथाशक्ति नित्य अन्नदान करें। पीपल में जल चढ़ाएं तथा तेल का दीपक लगाएं। हनुमानजी के दर्शन तथा हनुमान चालीसा का पाठ नित्य करें।
उपरोक्त मंत्र के जाप 21, 51 व 108 माला नित्य करें तथा उन ग्रहों के दिनों पर उपवास अधिक लाभ देगा।
यदि पितृदोष, कालसर्प दोष, ग्रहण दोष, चांडाल योग हों तो निम्न मंत्रों के जप निश्चित ही लाभ देंगे।
1. 'ॐ कुलदेवतायै नम:।'
2. 'ॐ नागदेवतायै नम:।'
3. 'ॐ पितृदेवतायै नम:।'
ये मंत्र बहुत ही प्रभावशाली हैं। अत: नवरात्रि के 9 दिनों में इनका जप अवश्य करें।