मां की आराधना करने से नाना प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। आपके सारे पापों का क्षय हो जाता है। मां अपनी संतान को अपने आंचल में छुपाकर रखती हैं और अपनी संतान के हर मनोरथ को पूर्ण करती हैं। हम मां की आराधना संतान व भक्त दोनों बनकर करें व यह प्रार्थना करते हुए करें कि हे मां! तुमने इस संसार में हमको जन्म दिया है।
अमृत चौघड़िया : दोपहर 12.28 से 2.02 तक।
शुभ : 3.37 से शाम 5.11 तक।
लाभ : रात्रि 8.11 से 9.36 तक।
धनु : रात्रि 11.18 से 1.22 तक।
विशेष : धनु लग्न देर रात्रि में होने से आप रात्रि 11.18 से रात्रि 12.00 तक कर सकते हैं।