नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने का अधिक महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक वर्ष में जब भी नवरात्रि आते हैं, देवी दुर्गा मां विभिन्न वाहनों पर सवार होकर आती हैं। इस बार 13 अप्रैल, मंगलवार से माता की आराधना का यह पर्व आरंभ हो जाएगा... इसी के साथ देवी दुर्गा के विभिन्न 9 रूपों की आराधना भी शुरू हो जाएगी। मान्यता है कि नवरात्रों में देवी की पूजा से जातक की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा के वाहन का अधिक महत्व है। वर्ष में आने वाले प्रत्येक नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। मातारानी के वाहन से मनुष्य के जीवन में सुख-समृद्धि का पता भी लगाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि 2020 में देवी दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आई थीं और इस बार भी मातारानी इसी वाहन पर सवार होकर आने वाली हैं। जी हां, इस बार भी मां के वाहन में कोई बदलाव नहीं है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को भी मां दुर्गा का वाहन अश्व ही रहेगा। ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ मंगलवार से हो रहा है इसलिए मां का वाहन अश्व है।
नवरात्रि का पर्व इस वर्ष 13 अप्रैल, मंगलवार से आरंभ होगा... प्रथम दिन घटस्थापना की जाएगी। इसका समापन 22 अप्रैल 2021 को होगा। खासतौर पर नवरात्रि पर्व उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, गुजरात और बंगाल सहित पूरे भारत में मनाया जाता है।
नवरात्रि के मौके पर व्रत रखने की परंपरा है। देवी मां के भक्त पूरे 9 दिनों तक व्रत रखते हैं और पूरे विधि-विधान से मां की उपासना करते हैं। नवरात्रि के पावन मौके पर मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में इन सभी देवियों का विशेष महत्व है। इन सभी देवियों की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति के साथ-साथ नवग्रह से भी शांति मिलती है।