श्री दुर्गासप्तशती के मंत्र नवरात्रि पर करते हैं चमत्कारी असर

श्री दुर्गासप्तशती स्वयं साक्षात् देवी दुर्गा हैं। वह अपने आप में पूर्ण तंत्र है। नित्य पाठ करने से सभी आपदाएं दूर होकर समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 1-1 मंत्र जपने से विशेष समस्या का निवारण होता है। 

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4. मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए-
 
'एवं देव्या वरं लब्ध्वा सुरथ: क्षत्रियर्षभ:।।'
 
5. सभी प्रकार के भयनाश के लिए-
 
'सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते:।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि, दुर्गे देवि नमोस्तुते।।'
 
6. रुके कार्यों में सफलता के लिए- 
 
'धर्म्याणि देवि, सकलानि सदैव कर्माएयत्यादृत: प्रतिदिनं सुकृति करोति।
स्वर्गं प्रयाति च ततो भवानी प्रवती प्रसादात् लोकत्रयेऽपि फलदा तनु देवि, लेन।।' 
 
7. धनवृद्धि के लिए- 
 
'इत्थं निशभ्यदेवानां वचांसिमधुसूदन:।
चकार कोपं शम्भुश्च भ्रकु‍टीकुटिलाननौ।।'
 
8. देवी कृपा के लिए नित्य जप करें-
 
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।'
 
इसका नित्य जप करें तथा समय-समय पर यथाशक्ति हवन करें। नित्य अर्चन आवश्यक है। देवी कृपा अवश्य प्राप्त होगी तथा समस्या का निवारण होगा। इति:।

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