देवी भागवत पुराण के अनुसार पूरे वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। दो गुप्त, तीसरे शारदीय और चौथे चैत्र नवरात्र। अमूमन लोग गुप्त नवरात्र के बारे में कम ही जानते हैं। साल में दो बार होने वाले शारदीय और चैत्र नवरात्र के बारे में ज्यादातर लोगों की जानकारी होती है। जानिए चैत्र नवरात्र का महत्व और इससे जुड़ी अन्य बातें।
ज्योतिषीय दृष्टि से महत्व
ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखने वाले चैत्र नवरात्र में सूर्य का राशि परिवर्तन होता है। चैत्र नवरात्र से नववर्ष के पंचांग की गणना शुरू होती है। सूर्य राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर पड़ता है।
ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के नौ दिन काफी शुभ होते हैं, इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य बिना सोच-विचार के कर लेना चाहिए। इसका कारण यह है कि पूरी सृष्टि को अपनी माया से छांव देने वाली आदिशक्ति इस समय पृथ्वी पर होती है।