Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में अष्टमी की देवी महागौरी का रहस्य

WD Feature Desk

शुक्रवार, 26 सितम्बर 2025 (11:14 IST)
Durga Ashtami 2025: चैत्र हो या शारदीय नवरात्रि, दोनों में ही अष्टमी यानी आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विशेष विधान है। इस दिन की पूजा, हवन और कन्या भोज के बाद ही कई घरों में नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है। महागौरी शांत और सौम्य रूप में भक्तों के कष्ट दूर करती हैं।
 
मां महागौरी का स्वरूप
 
पूजा विधि, भोग और मंत्र (अष्टमी के लिए)
1. पूजा की तैयारी
 
2. भोग और फूल
भोग: माँ महागौरी को नारियल, पूरी और हलवे का भोग प्रिय है।
फूल: उन्हें सफेद और चमेली के फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
 
3. मंत्र और जप
- माँ महागौरी का मंत्र है:
- ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
- इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष या कमलगट्टे की माला से करें।
मंत्र जप के बाद दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
 
4. अंत में
- हवन के बाद माँ की आरती करें और कथा का श्रवण करें।
- इसी दौरान समय पर कन्या भोज (कन्या पूजन) करें, जो अष्टमी के दिन विशेष रूप से किया जाता है।
 
माँ महागौरी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, माँ महागौरी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। इस कठिन तपस्या के कारण उनका शरीर काला (श्यामल) पड़ गया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोया। गंगाजल के स्पर्श से उनका वर्ण विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान और गौर हो उठा। इसी कारण वह महागौरी के नाम से विख्यात हुईं।

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