कैसे करें नवरात्रि में कन्या पूजन?

* नवरात्रि में कैसे करें महानवमी पूजन और विसर्जन, जानिए... 
 
महाअष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। कुछ लोग अष्टमी के दिन और कुछ नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं।  परिवार की रीति के अनुसार किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है। 
 
3 से 9 साल तक आयु की कन्याओं तथा साथ ही एक लांगुरिया (छोटा लड़का) को खीर, पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि खिलाए जाते हैं। 
 
कन्याओं को तिलक करके, हाथ में मौली बांधकर, गिफ्ट दक्षिणा आदि देकर आशीर्वाद लिया जाता है, फिर उन्हें विदा किया जाता है। 

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महानवमी पूजन और विसर्जन : 
 
महानवमी के दिन मां का विशेष पूजन करके पुन: पधारने का आवाहन कर, स्वस्थान विदा होने के लिए प्रार्थना की जाती है। 
 
कलश के जल का छिड़काव परिवार के सदस्यों पर और पूरे घर में किया जाता है ताकि घर का प्रत्येक स्थान पवित्र हो जाए। 
 
अनाज के कुछ अंकुर मां के पूजन के समय चढ़ाए जाते हैं। कुछ अंकुर दैनिक पूजा स्थल पर रखे जाते हैं, शेष अंकुरों को बहते पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है। 
 
कुछ लोग इन अंकुरों को शमी पूजन के समय शमी वृक्ष को अर्पित करते हैं और लौटते समय इनमें से कुछ अंकुर केश में धारण करते हैं। 
 
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