नवरात्रि : इन 5 पवित्र आध्यात्मिक वस्तुओं से पाएं मनोवांछित फल

* इन देवी प्रतीकों से पाएं जीवन के हर क्षेत्र में सफलता


 
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के पूजन का पर्व है। यह नवदुर्गाओं की शक्ति उपासना का पर्व और आध्यात्म की गंगा में बहने का पर्व है। इस शक्ति पर्व के दौरान की गई मनोवांछित फल प्राप्ति साधनाएं, मानव सेवा के प्रति आपका समर्पण, शुद्ध वाणी का प्रयोग, वर्ष भर आपको शक्ति और सफलता के पथ पर आगे बढ़ाता है। 
 
नवरात्रि के पावन अवसर पर कुछ विशिष्ट आध्यात्मिक वस्तुओं का पूर्ण शुद्धता के साथ किया उचित प्रयोग आपको सफलता, धनागम एवं समृद्धि प्रदान करता है। इन आध्यात्मिक देवी के पवित्र प्रतिकों से आप हर तरह की सफलता, धन-धान्य, यश कीर्ति आदि प्राप्त कर सकते हैं। 

आगे पढ़ें 5 आध्यात्मिक वस्तुएं.. .
 
 

1. तंत्रोक्त नारियल -
 
माता को प्रमाण कर लाल आसन पर इसे विराजमान करे एवं इसे साक्षात लक्ष्मी-विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा करें, धन-धान्य, यश कीर्ति प्राप्त होती है।
 
2. दक्षिणावर्ती शंख -
 
नवरात्रि पर्व में दक्षिणावर्ती शंख का प्रयोग दरिद्रता का नाश करता है। इसमें शुद्ध जल भरकर छिड़कने से दुर्भाग्य, अभिचार और ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। इसे शयन कक्ष में रखने से आपसी प्रेम में वृद्धि होती है।
 
3 . चक्रीय शालिग्राम -

 
प्राकृतिक रूप से बने हुए मूलतः चक्रीय शालिग्राम नेपाल से प्राप्त होते हैं। यह भगवान विष्णु के प्रतीक है। नवरात्रि में इन्हें अपने पूजा स्थान पर रखना, कैश बाक्स आदि स्थानों पर रखकर पूजा करना धन वृद्धि एवं स्थिरता का परिचायक है। 
 
4. गोमती चक्र -

 
नवरात्रि पर्व के दौरान इसे धारण किया जाए अथवा इसे सदैव अपने साथ रखा जाए तो यह असाध्य रोगों को दूर कर सकता है। अभिमंत्रित करना आवश्यक है।
 
5. इंद्रजाल -

 
यह एक समुद्री पौधा है। इसमें बहुत चमत्कारी गुण होते हैं। जिस घर में इंद्रजाल होता है वहां भूत-प्रेत आदि प्रभाव नहीं होता एवं धन लक्ष्मी की वृद्धि होती है।
 
यहां सबसे ध्यान रखने योग्य बात यह है कि कोई भी आध्यात्मिक वस्तु बिना पूजा, बिना अभिमंत्रित किए किसी साधारण वस्तु के ही समान होती है।
 
- संजय लोढ़ा जैन

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