इस बार नवरात्रि में 9 दिन राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग के संयोग बन रहे हैं। इन विशेष योगों में की गई खरीदारी अत्यधिक शुभ और फलदायी रहती है। इस योग-संयोग में पूजा, साधना और आराधना का भी अत्यंत मंगलदायक फल मिलता है।
महाष्टमी व्रत- बुधवार, 17 अक्टूबर
महानवमी व्रत- गुरुवार, 18 अक्टूबर
विजयादशमी, नवरात्रिव्रतपारण- शुक्रवार, 19 अक्टूबर
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होता है। प्रतिपदा तिथि 9 अक्टूबर को सुबह 9 बज कर 16 मिनट से आरंभ होकर 10 अक्टूबर को 7 बज कर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। 10 अक्टूबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बज कर 22 मिनट से लेकर 7 बज कर 25 मिनट (1 घंटा 2 मिनट) तक रहेगा।