नवरात्रि में केवल माता दुर्गा, काली, लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए कार्य नहीं किए जाते, वरन किसी भी देवता, सम्प्रदाय के देवता की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रशस्त समय होता है, जैसे माता पद्मावती, जो हमारे धर्म तथा जैन धर्म में एक-सी ही पूजित है तथा कार्यों के अवरोध दूर कर दर्शन भी शीघ्र देती हैं। इनका मंत्र निम्न है -
'ॐ पद्मावती पद्मनेत्रे ह्रीं श्रीं लक्ष्मी प्रदायिनी मम् सर्व कार्य सिद्धि कुरु-कुरु ॐ पद्मावत्यै नमो नम:।'
चित्रादि उपलब्ध न होने पर माता दुर्गा, लक्ष्मी, काली आदि का चित्र रखकर पूजन कर नवरात्रि में नित्य 11 माला करें तथा नित्य 1 माला करें।
कहीं भी किसी भी कार्य के रुकने पर माला जप कर जाएं, कार्य होगा।
जो व्यक्ति विदेश जाना चाहते हैं, लेकिन रुकावटें पीछा नहीं छोड़तीं, उन्हें महायक्षिणी के मंत्र के जप करने पर मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी। मंत्र निम्न है-
'ॐ श्रीं क्लीं, ह्रीं ऐं आं श्रीं
महायक्षिणी सर्वैश्वर्य प्रदर्ण्ड नम:।'
काली हकीक की माला से लोभान से धूपित वातावरण में जप करें।
जिन व्यक्तियों को भविष्य में रास्ता नजर न आ रहा हो, वे 'ॐ गं गणपतये नम:' का जप करें।
भय सता रहा हो, चिंताएं बढ़ रही हों, आत्मशक्ति क्षीण हो रही हो तो नित्य मूंगे की माला से 'ॐ हं हनुमतये नम:' की एक माला नवरात्रि से करें, साथ ही हनुमान चालीसा, बजरंग बाण तथा 'हरे राम, हरे राम' का जप करें। बजरंग बली की कृपा शीघ्र ही होगी। किसी भी मंत्र, जप आदि में आवश्यक सावधानी रखें।