वर्ष में चार बार नवरात्रि उत्सव का आयोजन होता है। इसमें से दो खास है पहले को चैत्र नवरात्रि, और दूसरे को आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस तरह पूरे वर्ष में 18 दिन ही दुर्गा के होते हैं जिसमें से शारदीय नवरात्रि के नौ दिन ही उत्सव मनाया जाता है, जिसे दुर्गोत्सव कहा जाता है। माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि शैव तांत्रिकों के लिए होती है। इसके अंतर्गत तांत्रिक अनुष्ठान और कठिन साधनाएं की जाती है तथा दूसरी शारदीय नवरात्रि सात्विक लोगों के लिए होती है जो सिर्फ मां की भक्ति तथा उत्सव हेतु है।