3. व्रत करने वाले को फलाहार ही करना चाहिए।
4. नारियल, नींबू, अनार, केला, मौसंबी और कटहल आदि फल तथा अन्न का भोग लगाना चाहिए।
5. व्रती को संकल्प लेना चाहिए कि वह हमेशा क्षमा, दया, उदारता का भाव रखेगा।
6. इन दिनों व्रती को काम, क्रोध, मोह, लोभ आदि दुष्प्रवत्तियों का त्याग करना चाहिए।
7. देवी का आह्वान, पूजन, विसर्जन, पाठ आदि सब प्रात:काल में शुभ होते हैं अत: इन्हें इसी दौरान पूरा करना चाहिए।
9. देवियों को लाल रंग के वस्त्र, रोली, लाल चंदन, सिन्दूर, लाल साड़ी, लाल चुनरी, आभूषण तथा खाने-पीने के सभी पदार्थ जो लाल रंग के होते हैं, वहीं अर्पित किए जाते हैं।