चैत्र मास का नवरात्रि पर्व इस वर्ष 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल 2022 तक जारी रहेगा। दुर्गा पूजा के अवसर पर नवरात्रि के दिनों में दुर्गा देवी के नौ रूपों की आराधना विधि-विधानपूर्वक तथा नियम-संयम से की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। यहां पढ़ें नवरात्रि की पहली देवी शैलपुत्री की कथा-
मां शैलपुत्री-
मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। यही देवी प्रथम दुर्गा हैं। ये ही सती के नाम से भी जानी जाती हैं। उनकी एक मार्मिक कहानी है।
एक बार जब प्रजापति ने यज्ञ किया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित किया, भगवान शंकर को नहीं। सती यज्ञ में जाने के लिए विकल हो उठीं। शंकरजी ने कहा कि सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया है, उन्हें नहीं। ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है।