नेट बैंकिंग का करते हैं प्रयोग, तो इसे जरूर पढ़ें....

बैंक से लेन-देन की प्रक्रिया को नेट बैंकिंग ने आसान बना दिया है। इसके जरिए आप बिना किसी कागजात के आसानी से अपना बैंकिंग कार्य कर सकते हैं। तकनीक के इस प्रयोग में सावधानियां आवश्यक हैं। नेट बैंकिंग न केवल आसान है बल्कि इससे पैसे की बचत भी की जा सकती है।

FILE

नेट बैंकिंग वह सुविधा है जिसे बैंक इंटरनेट के जरिए प्रदान करती है। इंटरनेट बैंकिंग से आप वे सभी बैंकिंग काम कर सकते हैं जैसे अकाउंट का बैलेंस देखना, किसी भी प्रकार बिल चुकाना, अकाउंट स्टेटमेंट देखना, इसके द्वारा बैंक अपने नई शुरू की गई सुविधाओं की जानकारी भी ग्राहक को समय-समय पर देती है।

नेट बैंकिंग कम्प्यूटर, लैपटॉप और अब तो स्मार्ट फोन से भी संभव है। इसके लिए इंटरनेट का कनेक्शन होना जरूरी है।

अगले पन्ने पर, नेट बैंकिंग से होती है बचत...


FILE
वर्तमान में मोबाइल फोन से भी वाईफाई और 3 जी कनेक्शन के जरिए नेट बैंकिंग की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।

अब तो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ देने के लिए बैंकों ने अपने एप भी बना लिए हैं, जिन्हें मोबाइल पर डाउनलोड कर आप आसानी से नेट बैंकिंग का फायदा ले सकते हैं।

नेट बैंकिंग का यह फायदा होता है कि हम किसी भी स्थान पर बैंकिंग के अपने ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इससे हम बिना बैंक जाए बहुत काम कर सकते हैं, जैसे बैंक स्टेटमेंट, पैमेंट रोकना आदि।

अगले पन्ने पर, कैसे करें नेट बैंकिंग का प्रयोग...


FILE
इंटरनेट बैंकिंग में अकाउंट आसानी से ओपन और ऑपरेट किया जा सकता है। इसके जरिए आप एक बैंक से दूसरे बैंक को लेन-देन, एक देश से दूसरे देश में।

बैंकिंग की और सुविधाओं की जानकारी बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली ‍किट में देखी जा सकती है, जो आपको अकाउंट खुलवाते समय प्रदान की जाती है।

इसमें आपको इंटरनेट बैंकिंग के लिए पासवर्ड भी दिया जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से आपको पासवर्ड में सावधानी रखनी पड़ेगी। अगले पन्ने पर पढ़ें, नेट बैंकिंग के फायदे...

नेट बैंकिंग के ये हैं फायदे...
- इसका सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसके द्वारा आप अपना अकाउंट बहुत ही आसानी से संचालित कर सकते हैं।
- मात्र कुछ समय में आप बिना किसी कागजी कार्रवाई के लेन-देन कर सकते हैं।
- यह 24x7 सुविधा है। इसका बैं‍क के बंद होने और खुलने से कोई संबंध नहीं है।
- बिल भरने के लिए लाइन में घंटों खड़े रहना पड़ता है, इंटरनेट बैंकिंग से आप इस परेशानी से बच सकते हैं।
- इंटरनेट बैंकिंग से बिलों की रसीदें रखने की परेशानी से भी बचा जा सकता है। आप अपना ट्रांजेक्शन आसानी से देख सकते हैं।
- इसके द्वारा आप कई खातों को ऑपरेट कर सकते हैं।
- नेट बैंकिंग द्वारा फंड्‍स एक खाते से दूसरे खाते में बहुत तीव्र गति से ट्रांसफर हो जाते हैं।
- नेट बैंकिंग से आप खाते का बैलेंस जान सकते हैं। आपके खाते का हर लेन-देन आपके सामने रहेगा। यह सुविधा आपके खाते को सुरक्षित रखेगी।

अगले पन्ने पर, नेट बैंकिंग से पैसे की बचत...


FILE
पिछले कुछ महीनों के दौरान गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर्स की बैंकों ने दी जाने वाली सेवाओं के चार्जेस या तो बढ़ा दिए हैं या कुछ नए चार्जेस ट्रांजेक्शन और सुविधाओं पर लगाए हैं।

आपके लिए यह जानना जरूरी है कि बैंक कौन-कौनसे चार्ज आपसे वसूलती है और नेट बैंकिंग से आप इन चार्जेस से बच सकते हैं।

1. कैश ट्रांजेक्शन फीस : ग्राहकों को ज्यादातर ब्रांचों में एक महीने में केवल चार बार कैश ट्रांजेक्शन की सुविधा उपलब्ध होती है। इसके बाद बैंक ग्राहक से कैश ट्रांजेक्शन फीस की वसूली करती है।

2. स्टेटमेंट रिटर्न चार्ज : स्टेटमेंट के अलावा यदि आपका पता बदल जाता है और स्टेटमेंट पुराने पते पर पहुंच जाता है तो बैंक इसके लिए स्पेशल चार्ज लेती है।

3. डिमांड ड्राफ्ट चार्ज : अधिकतर बड़ी कंपनियां या फीस या टेंडर के भुगतान के लिए डिमांड ड्राफ्ट की मांग करती है। बैंक इन पर चार्ज लगाती है।

4. चेकबुक चार्ज : अधिकतर बैंकें अतिरिक्त चेकबुक जारी करने के लिए चार्ज लगाती हैं।

5. एसएमएस अलर्ट : ग्राहकों को एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए बैंकें ग्राहकों से एक फिक्स चार्ज लेती हैं। गवर्नमेंट और प्राइवेट बैंकों द्वारा एक समान रूप से इसे वसूला जा रहा है।

6. लोन प्रोसेसिंग फीस : देश की सभी बैंकें लोन प्रोसेसिंग फीस ग्राहक से लेती हैं। अलग-अलग बैंकों में इसके अलग-अलग चार्जेस हैं।

अगले पन्ने पर, ऐसे बचें इन चार्जेस से...


- कैश ट्रांजेक्शन फीस से बचने के आप ‍लिमिटेशन का ध्यान रखें। कैश ट्रांजेक्शन की लिमिट खत्म होने पर आप नेट बैंकिंग या एटीएम का प्रयोग कर इस फीस से बच सकते हैं।
- स्टेटमेंट चार्ज से बचने के लिए नेट बैंकिंग से आप ई-स्टेटमेंट ले सकते हैं। इसमें बैंक पूरी जानकारी आपके ई-मेल में भेज देता है।
- नेट बैंकिंग से फीस या टेंडर का भुगतान आसानी से मिनटों में किया जा सकता है।
- आरटीजीएस और एनईएफटी के द्वारा भी फंड ट्रांसफर किए जा सकते हैं। इनके चार्ज डिमांड ड्राफ्ट से काफी कम है।
- नेट बैंकिंग से आप बीमा प्रीमियम, टेलीफोन बिल और दूसरे पैमेंट भी कर सकते हैं, जिसके लिए आपको चेकबुक की आवश्यकता नहीं होगी।
- बैंकें एसएमएस अलर्ट और ई-मेल के जरिए ट्रांजेक्शन के अलर्ट भेजती है। नेट बैंकिंग में आपको अकाउंट के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलेगी, जिससे आप इन चार्जेस से बच सकते हैं।
- इंटरनेट के जरिए आप लोन प्रोसेसिंग करते हैं तो आपको ब्याज दर भी कम लग सकती है। साथ ही प्रोसेसिंग चार्ज से भी आप बच सकते हैं।

अगले पन्ने पर, नेट बैंकिंग के दौरान रखें ये सावधानियां...


नेट बैंकिंग अगर सरल है तो इसके लिए सावधानी रखना जरूरी है। आप ये सावधानी रखेंगे तो नेट बैंकिंग का प्रयोग आप सुरक्षित कर सकते हैं। निम्न सावधानियां रखें-
- नेट बैंकिंग उपयोग के दौरान बैंक की वेबसाइट पर सीधे जाएं।

- नेट बैंकिंग के दौरान दूसरी जगह से आने वाले ई-मेट और साइट्‍स को प्रयोग करने से बचें।
- नेट बैंकिंग का पासवर्ड दूसरों को शेयर करने से बचें।

- नेट बैंकिंग के दौरान परिवार का एक ही सदस्य प्रयोग करे तो ठीक रहेगा। इससे आपकी जानकारी सुरक्षित रहेगी।

- जहां तक हो सके साइबर कैफे और आम जगहों पर नेट बैंकिंग से बचें।

- अपने कम्प्यूटर और स्मार्ट फोन में लेटेस्ट एंटी वाइरस और सुरक्षा संबंधी सॉफ्टवेयर का प्रयोग ज्यादा करें। इससे आप हैकर्स से अपने कम्प्यूटर को बचा सकते है।

- नेट बैंकिंग के दौरान फाइल को शेयर और प्रिंट करने में ज्यादा सावधानी बरतें।

- इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्राउजर में आईडी और पिन को स्टोर न करें।

- अपने अकाउंट ट्रांजेक्शन की हिस्ट्री नियमित देखें।

वेबदुनिया पर पढ़ें