गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस ने जिला मजिस्ट्रेट से सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें एक जगह रखने का आग्रह किया है ताकि इन मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि राज्य में चल रहे लोकसभा चुनाव के कारण उसके पास कर्मियों की कमी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गाजियाबाद के करीब 60 फीसदी पुलिसकर्मी चुनाव ड्यूटी में तैनात किए गए हैं जिसकी वजह से 3 अलग-अलग जगहों पर रखीं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की सुरक्षा को लेकर चिंता है।
वर्तमान में ईवीएम गोविंदपुरम थोक गेहूं बाजार, सैनिक कल्याण केंद्र और राजकीय महिला पॉलीटेक्निक सेंटर में रखी हैं, जहां उत्तरप्रदेश पीएसी और स्थानीय पुलिस के कर्मी 24 घंटे इनकी निगरानी कर रहे हैं।
गाजियाबाद की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सची घिल्डियाल ने बताया कि हमने जिला मजिस्ट्रेट से सभी ईवीएम एक स्थान पर रखने का आग्रह किया है ताकि इन मशीनों की अच्छी तरह सुरक्षा की जा सके। चुनाव हो रहा है और हमारे कई पुलिसकर्मी दूसरे जिलों में भेजे गए हैं।
एसएसपी ने बताया कि अगर सभी ईवीएम एक जगह पर रखी जाएं, जो भी जगह जिला प्रशासन चुने, तो फिलहाल 3 जगहों पर उनकी निगरानी कर रहा पुलिस बल एक जगह ज्यादा बेहतर तरीके से उनकी सुरक्षा कर सकेगा और वह पुख्ता भी होगी।
नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद में पुलिस बल में कर्मियों की भारी कमी है, क्योंकि जिले के 60 फीसदी से अधिक पुलिसकर्मी उन जिलों में भेजे गए हैं, जहां चुनाव हो रहे हैं।
फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की सुरक्षा जिला प्रशासन और पुलिस के लिए चिंता का विषय बन गई है। हाल ही में जिला मजिस्ट्रेट एसवीएस रंगा राव ने निर्वाचन अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि गोविंदपुरम स्थित थोक गेहूं बाजार में रखी ईवीएम को चूहों से बचाया जाए।
उन्होंने स्ट्रांगरूम में रखी मशीनों की सुरक्षा के लिए चूहे मारने की व्यवस्था करने का आदेश दिया। चूहे इन ईवीएम के तार अथवा इलेक्ट्रॉनिक सर्किट काटकर या इनके बटनों को कुतरकर इन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
गाजियाबाद सीट के लिए लोकसभा चुनाव के तहत 10 अप्रैल को मतदान हुआ था। इस सीट पर भाजपा के वीके सिंह, 'आप' प्रत्याशी शाजिया इल्मी तथा कांग्रेस के राज बब्बर और 12 अन्य प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। (भाषा)