लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश मायावती ने अपने चुनावी अभियान के तहत गाजीपुर व मिर्जापुर में चुनावी जनसभा के लिए जाने से पहले लखनऊ में कहा कि मोदी और मुलायम दोनों चुनाव हार रहे हैं।
मायावती ने कहा कि भाजपा और सपा दोनों पार्टियां अपनी आपसी अंदरुनी मिलीभगत के तहत ही यहां किस्म-किस्म के सांप्रदायिक व जातिवादी रंग देने वाले घिनौने हथकंडे इस्तेमाल करके इसकी आड़ में इसका राजनीतिक लाभ उठा सकती हैं।
उत्तरप्रदेश में 18 सीटों के लिए अंतिम चरण का महत्वपूर्ण चुनाव होना बाकी है जिसमें पूर्वांचल की वाराणसी व आजमगढ़ की सीट भी शामिल है और जहां से भाजपा व सपा के दो महारथी यानी कि नरेन्द्र मोदी व मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं।
इन दोनों पार्टियों ने यहां बार-बार सांप्रदायिक व जातिवादी कार्ड खेलने के बावजूद अपनी लगातार खराब होती स्थिति को मद्देनजर रखते हुए ही अब इन्होंने आपसी अंदरुनी मिलीभगत के तहत ही जान-बूझकर गुरुवार से यहां वाराणसी में एक नया षड्यंत्र व नाटकबाजी करनी शुरू कर दी है ताकि यहां माहौल को गर्माकर व इसको किसी भी तरह से 'हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक' रंग देकर उसका चुनावी लाभ खासकर यहां पड़ोसी सीटों पर अर्थात वाराणसी व आजमगढ़ में भी उठाया जा सके।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में इन दोनों पार्टियों की अंदरुनी मिलीभगत के तहत ही अब जो यहां ताजा षड्यंत्रकारी ड्रामा हो रहा है और इसमें खासतौर से वाराणसी के जिला प्रशासन का सहारा लेकर यहां सपा ने निष्पक्ष चुनाव के माहौल को खराब करके एक तरफ बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए तो वहीं दूसरी तरफ खासकर यहां पूर्वांचल से जुड़े मुस्लिम समाज के लोगों पर यह प्रभाव डालने के लिए भी यह पूरी-पूरी कोशिश की है कि अब यहां सपा ही भाजपा को टक्कर दे सकती है, जबकि इसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि यहां मैं भारत निर्वाचन आयोग से भी यह मांग करती हूं कि वह चुनाव कराने में अपने संस्थान की स्वतंत्र व निष्पक्ष भूमिका को ध्यान में रखकर किसी भी विरोधी पार्टी के दबाव में न आकर और यहां खासकर सपा व भाजपा के उन नेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित करे, जो बार-बार यहां चुनावी कानून व आदर्श चुनाव संहिता का खुलेआम उल्लंघन करते हुए अभी तक भी आजाद घूम रहे हैं।